पुरानी पेंशन स्कीम के बदले में लाई गई न्यू पेंशन स्कीम की नई नई शर्तों को देखकर कर्मचारी मानसिक तनाव में जी रहे हैं अभी कुछ दिन पहले एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारी कि रिटायरमेंट होने के पहले मृत्यु हो जाती है तो उसके न्यू पेंशन स्कीम फंड की हकदार उसकी पत्नी एवं बच्चे नहीं होंगे वह सरकारी फंड में जप्त कर लिया जाएगा आपको बता दें देश में पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर न्यू पेंशन स्कीम सन 2004 को भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा लागू की गई थी इसको लागू करने के समय अनेक यूनियन एवं सरकारी कर्मचारी संगठन के लोगों की सलाह एवं स्वीकृति के आधार पर किया गया था क्योंकि नई पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला करने वाली कमेटी में ज्यादातर लोग पुरानी पेंशन पहले से ही पा रहे थे इसलिए उन्होंने कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर बिना लाभ-हानि सोचे समझे इसे लागू कराने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी थी राजनेता किसी प्रकार का विरोध ना करें इसलिए इस स्कीम में सांसद विधायकों को अलग रखा गया था उन्हें पूर्व की भांति पुरानी पेंशन प्रदान की गई अब 2004 से लगभग 15 वर्ष बाद अब ज्यादातर 2004के नए कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले हैं अब उन्हें न्यू पेंशन स्कीम की कठोर शब्दों से रूबरू होना पड़ रहा है जो कि कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करके लागू की गई थी न्यू पेंशन स्कीम पूरी तरह से शेयर मार्केट एवं कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी जिसमें सरकार मनमाफिक डूबते हुए प्राइवेट एवं सरकारी सेक्टरों को साधने के लिए न्यू पेंशन स्कीम फंड के पैसों को लगाकर उन्हें बचाने का प्रयास करती है जिससे कर्मचारियों के भविष्य को लेकर हमेशा आशंका बनी रहती है अनेक कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत फंड नहीं कटाना चाहते हैं ना ही गवर्नमेंट द्वारा दिए गए आधे पैसे को लेना चाहते हैं फिर भी सरकार द्वारा जबरदस्ती नए कर्मचारियों को न्यू पेंशन में लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जुलाई माह कि ज्यादातर एनपीएस का फॉर्म ना भरने वाले कर्मचारियों की सैलेरी तक रोक दी गई वर्तमान में न्यू पेंशन स्कीम के कुछ पात्र लोगों को पेंशन मिलना शुरू हुई है जिसको देखकर लोगों का बुरा हाल है क्योंकि कर्मचारियों का खुद का पैसा वापस नहीं हो पा रहा है और इस पेंशन के नाम पर मात्र कुछ हजार रुपए पकड़ाया जा रहे है उतना तो आम लोगों को वृद्धा एवं विधवा पेंशन में मिलता है जो इस कमरतोड़ महंगाई में ऊंट के मुंह में जीरा समान है सबसे ज्यादा वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को अपने परिवार के भविष्य को लेकर लेकर अनेक प्रकार की आशंका है क्योंकि इस स्कीम में अगर नौकरी के समय सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके जमा फंड से उसके परिवार एवं पत्नी को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाएगी भारतीय रेलवे एवं अर्धसैनिक बलों की नौकरी में तो हमेशा जीवन का रिक्स बना ही रहता है हर समय दुर्घटना के चांस अधिक रहते हैं ऐसे में कर्मचारी को अपने परिवार के भविष्य को लेकर आशंका रखना लाजमी है वर्तमान जिस प्रकार राज्य एवं केंद्र प्रशासन कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर सांसद विधायकों को बढ़ा चढ़ा के वेतन एवं पुरानी पेंशन स्कीम प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए जबरदस्ती न्यू पेंशन स्कीम को नए कर्मचारियों पर थोपने का कार्य कर रही है सरकार का एक यह कृत्य 1857 की क्रांति में लॉर्ड डलहौजी के राज्य हड़प नीति से पूरी तरह से मिलता है जिसमें अंग्रेजी कंपनी एवं अंग्रेजी शासन के नुमाइंदे लॉर्ड डलहौजी द्वारा देश के राज्यों को हड़पने के लिए विशेष नीति अपनाई उसी के परिणाम स्वरूप 1857 की क्रांति हुई थी जो कि भारत की स्वतंत्रता मैं नीव का पत्थर साबित हुई कर्मचारियों के हितों एवं अधिकारों की अनदेखी को लेकर सरकारी कर्मचारियों में एक विद्रोह का माहौल बन रहा है 🌻🙏🙏🙏🙏🌻Awaj
बुधवार, 31 जुलाई 2019
शनिवार, 27 जुलाई 2019
सूर्यवंशम के हीरा ठाकुर के बाद सबसे ज्यादा देखे जाने वाली रीना ठाकुर की वीडियो
पूरे देश में उत्सुकता पूर्वक देखी जा रही सत्तारूढ़ पार्टी की युवा मोर्चा की पदाधिकारी रीना ठाकुर एवं उपेन पंडित की अश्लील वीडियो को संज्ञान में लेते हुए पार्टी ने दोनों पार्टी पदाधिकारियों को सदस्यता एवं पार्टी से बर्खास्त कर दिया एवं बहुत जल्दी ही उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है आपको बता देंगे कुछ दिनों से पूरे देश में इन दोनों सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारियों की करतूत को देख कर सभी लोग शर्मसार है वही कुछ लोग बड़ी उत्सुकता पूर्वक इस वीडियो की खोजबीन कर अपनी उत्सुकता को शांत कर रहे हैं फोटो एप के नशे में डूबी सोशल मीडिया को एक नई कहानी मिल गई है जिसका वह चटकारे लेकर मजा ले रही है देश की सभ्य एवं संस्कारी सत्तारूढ़ पार्टी के युवा संगठन को इस अश्लील वीडियो कांड से बड़ा ही धक्का लगा है क्योंकि राजनीति में महिलाओं के शोषण को देखते हुए ज्यादातर युक्तियां एवं छात्राएं राजनीति में आने से कतराती है धीरे धीरे महिलाएं छात्राएं युवतियां बड़ी संख्या में राजनीति से जुड़कर देश हित में कार्य करने के लिए पार्टी में सहभागिता निभा रही है वर्तमान में पार्टी द्वारा महा सदस्यता अभियान छेड़ रखा है जो देश के लगभग सभी हिस्सों में चल रहा है जिसमें लाखों की संख्या में लोगों को संगठन से जोड़ा जा रहा है लेकिन इस वीडियो के वायरल होने के बाद विपक्ष एवं सोशल मीडिया जगत पार्टी की नीतियों का सवाल उठा रहे हैं क्योंकि वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी ने देश भर में सभी प्रकार के पोर्न वेबसाइट साइटों कानूनी रूप से तहत बंद करवा दिया था जिसकी देशभर में सराहना हुई लेकिन पार्टी के ही पदाधिकारियों द्वारा प्रथम दृष्टया आपसी सहमति से बेहद ही अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करना पार्टी को शर्मसार करने वाला है इस पूरे प्रकरण से जहां विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया वहीं सत्तापक्ष हो रक्षात्मक मुद्रा अपनानी पड़ रही है जहां कुछ दिन पूर्व विधायक की पुत्री को लेकर अनेक नैतिकता की दुहाई दी जा रही थी लेकिन इस प्रकरण में सब नैतिकता एवं शर्म को ताक पर रख कर दोनों ही पदाधिकारियों ने देश भर के सामने अनदेखे राजनीति के गंदे चेहरे को उजागर किया है आपको बता दें कि इस प्रकार के अनेक राजनैतिक लोगों के प्रकरण समाज के सामने आते रहे हैं जिससे पहले से ही बदनाम राजनीति में महिलाओं की स्थिति पर गहरा आघात पहुंचा है
रविवार, 21 जुलाई 2019
आने वाले समय में होगी पूरी दुनिया की बहुत बड़ी जनसंख्या बुढ़ापे की शिकार
हो जाइए सावधान कुछ ही दिनों में फेसबुक व्हाट्सएप एवं सभी सोशल साइट चलाने वाले ज्यादातर लोग बूढ़े होने वाले हैं मात्र कुछ ही दिनों में बहुत से लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं अपने परिवार के सदस्यों की बच्चों की फेसबुक एवं अन्य सोशल साइट पर ध्यान रखें कहीं अपने परिवार के सदस्य के भी बूढ़ी तस्वीर देख कर आप को झटका ना लग जाए घबराइए गा नहीं क्योंकि यह कमाल है फेस एप्प नामक एक फोटो ऐप्स का जिसके माध्यम से लोग अपनी उम्र से सीधे 68 साल के व्यक्ति जैसे दिखने लगेंगे जी हां सबसे ज्यादा ट्रेड करने वाला यह एप्स पूरे विश्व भर में फेमस हो रहा है सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाले ऐप में सबसे अधिक ट्रेड करने वाला यह फोटो फेस एप सर्वप्रथम 2017 में आया था लेकिन उस समय कितना अधिक पॉपुलर नहीं हुआ था लेकिन वर्तमान में इसका क्रेज युवाओं के सर पर चढ़कर बोल रहा है लगभग हर चौथे व्यक्ति की फेसबुक आईडी पर उसके बुढ़ापे की तस्वीर वायरल हो रही है यह युवाओं का उत्साह यहीं तक सीमित नहीं रह रहा है वह अपने चहेते खिलाड़ी फिल्मी हीरो एवं राजनैतिक व्यक्तियों की फोटो को भी इस ऐप की मदद से बूढ़ा बना कर मजे से अपलोड कर रहे हैं सबसे अधिक मजे की बात है इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग पुरुष हैं युवतियां छात्राएं एवं महिलाएं इस ऐप का इस्तेमाल करने से बच रही हैं हां यह बात अलग है कि उनके पुरुष मित्र एवं बच्चे उनकी फोटो को अधिक उम्र का बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर के मजे ले रहे हैं इस ऐप को डाउनलोड करना एकदम आसान है गूगल प्ले स्टोर में जाकर फेस एप के नाम से सर्च कर कर सबसे पहले ट्रेड करने लगेगा उसी को डाउनलोड कर कर आप भी अपने लोगों दोस्त यार परिवार के सदस्यों की बुढ़ापे की तस्वीर बनाकर भविष्य में झांक सकते हैं
यह लड़की नहीं मानेगी हौसले की उड़ान बहुत ऊंची है
भारत की स्टार धाविका हिमा दास ने एक और इतिहास लिख दिया हिमा दास ने लगातार पांचवां स्वर्ण भी अपने नाम करके देश का नाम गर्व से ऊपर कर दिया जहां कुछ दिन पूर्व देश की मीडिया विधायक की लड़की के घर से भागने के कार्यक्रम को चला कर पूरे देश में हंगामा खड़ा कर रही थी उसी समय एक गरीब हिंदुस्तानी लड़की अपने संघर्ष के दम पर चेक रिपब्लिक देश मैं सफलता के झंडे गाड़ गई थी शनिवार को सेट गणराज मैं विश्व स्तरीय दौड़ प्रतियोगिता में 400 मीटर स्पर्धा मैं 52:09 का समय निकालकर प्रथम स्थान हासिल किया पिछले कुछ दिनों से हिमा दास प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत रही थी एक एक करके पांच स्वर्ण पदक अपने नाम करके इस धाविका ने बता दिया दुनिया तुम्हारे काम की सराहना करें या ना करें लेकिन आप अपने कार्य में लगन से लगे रहो आज नहीं तो कल यह दुनिया तुम्हें जरूर सलाम करेगी लगातार पांचवी सफलता के बाद देश के कई महान व्यक्तियों ने इस बहुमुखी प्रतिभा की धनी धाविका को बधाई दे रहे है एवं इसकी सफलता को लेकर पूरा देश एक बार फिर से झूम उठा हिमा दास कुछ दिनों पूर्व समाज सेवा के एक कार्य के लिए चर्चित रही हैं इन्होंने अपनी पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा बाढ़ पीड़ितों के लिए दान में दे दिया था जहां एक और लोग संपन्न होने के बाद भी समाज सेवा कार्य में पीठ दिखा जाते हैं वही हिमा दास ने अपनी विपरीत परिस्थितियों के बाद भी समाजसेवी का महान कार्य करके सभी देशवासियों का दिल जीत लिया सलाम है इस धाविका के हौसले को🌻🌻🙏🙏🙏🙏
शनिवार, 20 जुलाई 2019
रेल चालक द्वारा ट्रेन को रोककर किया खुले में पेशाब पब्लिक में हुई वायरल वीडियो
भारत स्वच्छता अभियान के तहत सरकार आए दिन देश में लाखों करोड़ों की संख्या एवं रुपए में बनने वाले शौचालयों के बारे में प्रचार प्रसार कर के लोगों को बताती रहती है लेकिन सरकार के ही सरकारी कर्मचारी स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा रहे हैं ताजा मामला मुंबई के लोकल ट्रेन के लोको पायलट जिसे मोटर मैन कहा जाता है उसके द्वारा बीच रास्ते में गाड़ी को रोककर पेशाब करने वाला वीडियो देशभर में वायरल हो रहा है लोग इस वीडियो को शेयर कर कर रेलचालक को बुरा भला कह रहे हैं वही रेल के बारे में जानकारी रखने वाले लोग उक्त चालक की मजबूरी को समझ कर सरकार को कोस रहे है आने वाले समय में सरकार उक्त मोटरमैन के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है यह तो भविष्य मैं पता चलेगा लेकिन अब यह सवाल उठता है कि लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर कर स्वच्छता अभियान चलाने वाली सरकार को रेल चालकों के नित्य क्रिया करने का मूलभूत अधिकार के बारे में फिर से समीक्षा करनी होगी क्या कारण है कि करोड़ों की कीमत के इंजनों में मात्र कुछ हजार रुपए के शौचालय नहीं लग पा रहे हैं आपको बता दें भारतीय रेल में रेल चालक एवं सह चालक जिस इंजन द्वारा मालगाड़ी पैसेंजर गाड़ी लोकल ट्रेन खींचते हैं उसमें किसी भी प्रकार का शौचालय उपलब्ध नहीं होता पैसेंजर गाड़ियों में इंजन के पीछे जो ब्रेक यान एवं जनरल के डिब्बे होते हैं वह सरकारी कर्मचारियों एवं आम नागरिकों से जानवरों की तरह भरे होते हैं जिसमें प्रवेश करना भी अपने आप में एक कला है कई ट्रेनें तो ऐसी हैं जहां शौचालय में 5 से लेकर 7 लोग तक घुसकर खड़े खड़े सैकड़ों मिलों की यात्रा करते हैं कई ऐसी ट्रेनें हैं जो लंबी दूरी की होती हैं जिनका 400 किलोमीटर तक स्टॉपेज भी नहीं होता है ऐसी स्थिति में इन्हें कितनी पीड़ा सहन करती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है मजबूरी में अगर कोई चालक एवं सह चालक गाड़ी को छोड़कर शौचालय के लिए पास कहीं शौचालय जाता है तो उससे अगर ट्रेन के समय में कोई भी डिटेंशन होती है तो उसकी पूरी जिम्मेवारी लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की मानी जाती है जिसके लिए उन्हें दंडित किया जाता है ऐसी स्थिति में मजबूरन लोको पायलट सहायक लोको पायलट को चलती गाड़ी में इंजन से ही पेशाब करना पड़ता है एवं जहां भीड़भाड़ वाले इलाके हैं वहां रेल इंजन से उतर कर खुले में पेशाब करने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिसका जाने अनजाने में कई यात्री एवं व्यक्ति वीडियो बना कर फोटो खींच कर उनकी मजबूरी का मजाक बनाते हैं एवं उन्हें स्वच्छता अभियान का दुश्मन कहकर बुरा भला कहते हैं इसमें रेल चालक को एवं बुरा भला कहने बाले आम आदमियों की गलती नहीं है क्योंकि उन्हें रेल और रेल के कर्मचारियों के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं रहती है आपको बता दें नियमानुसार रेल चालक 10 घंटे में गाड़ी खड़ी कर सकता है लेकिन अधिकारियों द्वारा अनावश्यक दबाव डालकर लगभग 10 घंटे से लेकर 16 घंटे तक लगातार ड्यूटी कराई जाती है जिस रेल को चालक चला कर आता है ड्यूटी पूरी होने के बाद गारंटी नहीं कि उसी ट्रेन में उसे बैठने के लिए भी जगह मिल जाए ज्यादातर उन्हें खड़े-खड़े ही यात्रा करनी पड़ती है घर पहुंचते-पहुंचते कर्मचारियों की ड्यूटी लगभग 15 से 16 घंटे हो जाती है लंबी ड्यूटी एवं इंजन में शौचालय ना होने के कारण ज्यादातर रेल चालक पेशाब रोक कर रखने एवं कम पानी पीने के कारण पथरी हाइड्रोसिल किडनी लीवर जेसी तमाम गंभीर बीमारियों से पीड़ित होते है देश में जहां भीषण गर्मी और सर्दी में जानवरों के लिए तमाम मानव अधिकार आयोग एवं सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट हैं जिनके अनुसार जानवरों से अधिकतम 8 घंटे से ज्यादा कार्य ना कराया जाए लेकिन रेल चालकों एवं सह चालक एवं गार्ड के लिए हर प्रकार के मानवाधिकार आयोग आंखें बंद कर लेते है अब सवाल यह उठता है कि क्या कारण है कि देश आजाद होने के कितने सालों बाद भी रेल इंजनों में रेल चालक एवं सहायक चालक गार्ड जानवरों की तरह कार्य कर रहे हैं रेल चालकों के अनुसार वर्तमान हालातों से अधिक अच्छे हालात तो इनके अंग्रेजो के समय रेल संचालन में होते थे जहां रेल का इन्हें मुख्य केंद्र बिंदु माना जाता था और सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती थी वर्तमान समय में रनिंग के कर्मचारियों के अनेक अधिकारों में कटौती की जा रही है जिससे देश की सबसे जुम्मेबारी वं मेहनती नौकरी को करना बेहद ही कठिन होती जा रही है जिसकी जिम्मेदार वर्तमान यूनियन है या फिर सरकार यह तो शोध का विषय है क्योंकि अन्य रेल कर्मचारियों की अपेक्षा रनिंग कर्मचारियों के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार होता चला आ रहा है बने बनाए नियमों को बदलाव कर कर उनके हकों में हमेशा कटौती की की जाती रही है आम लोगों से निवेदन है कि बिना रेल और रेल कर्मचारियों कार्यों को जाने अपने आप से किसी प्रकार की अवधारणा ना बनाएं सबसे ईमानदार परिश्रमी रेल रेल कर्मचारी लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट को हमेशा सपोर्ट करें
रविवार, 14 जुलाई 2019
विश्व कप फाइनल के इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले का 25000 का टिकट बिका 13 लाख में
भारतीय दर्शक अपनी छाप पूरे विश्व में छोड़ जाते हैं वर्तमान में क्रिकेट का महाकुंभ विश्वकप इंग्लैंड में खेला जा रहा है इसका फाइनल मेजबान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच है इस मैच को देखने के लिए इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के दर्शकों में दीवानगी का आलम यह है कि मात्र 25000 का टिकट 1300000 में खरीद कर यह फाइनल मैच देख रहे हैं मुनाफा कमाना कोई भारतीयों से सीखे क्योंकि भारतीय दर्शकों को आशा थी कि भारतीय टीम विश्व कप फाइनल में अवश्य खेलेगी इसलिए विश्व कप के फाइनल मुकाबला की 41% सीटों की टिकट को भारतीय दर्शकों ने पहले से ही खरीद के रख लिया था सभी को ज्ञात है कि विश्व के सबसे अधिक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भारत में रहते हैं भारतीय लोगों को पहले से ही पता है कि किस प्रकार से बुकिंग साइट पर टिकटों के आने से पहले ही साइट को हैक करके पहले से ही टिकट बुक कराए जा सकते हैं आम जीवन में लगभग सभी लोगों ने भारतीय रेल की यात्रा की है सुबह से जब रेल टिकट के रिजर्वेशन की बुकिंग होती है बहुत से ऐसे हैकर होते हैं आम यात्री के टिकट बुक करने के पहले ही 5 मिनट में लगभग पूरे टिकट बुक कर लेते हैं फिर उन्हें कालाबाजारी करके मोटे लाभ पर पर बेचते हैं उसी तरीके से आईसीसी की साइट पर टिकटों की बिक्री होते ही कुछ ही मिनटों में टिकट बिक गए पूरे विश्व कप के सबसे अधिक टिकट खरीदने में सबसे बड़ा योगदान भारतीयों का रहा है किसी भी टीम का मैच होने पर सबसे अधिक भारतीय दर्शक विश्वकप के मैचों में मैं देखने के लिए पहुंचे हैं अब जब भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप के सेमीफाइनल से बाहर हो चुकी है लेकिन 41 परसेंट फाइनल के टिकट भारतीयों के पास हैं दूसरी ओर मेजबान इंग्लैंड फाइनल में पहुंच चुकी है स्थानीय होम ग्राउंड और होम देश होने के कारण स्थानीय लोगों को इंग्लैंड के वर्ल्ड कप के मैच खेलने पर उत्साहवर्धन के लिए स्टेडियम में पहुंचने के लिए टिकट की अति आवश्यकता है लेकिन भारतीय दर्शक इन टिकटों को टिकट काउंटर पर वापसी करने के बजाय टिकट की मूल कीमत से लगभग 55 गुना कीमत में बेच रहे हैं अनुमान 6000 से लेकर 25000 और 85000 कीमत तक के टिकटों को भारतीय दर्शक इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के दर्शकों को 13 लाख से अधिक कीमत पर टिकट बेचकर एक मोटा लाभ उठा रहे हैं इसे कहते हैं आम के आम गुठलियों के दाम इससे उन दर्शकों का दुख जरूर कम होगा जो फाइनल का टिकट लेकर इंडिया को फाइनल खेलते हुए देखना चाहते थे भला हो उन सॉफ्टवेयर इंजीनियरों का जो भारतीय दर्शकों को पूरे विश्व से सबसे पहले टिकट मुहैया कराते हैं भारतीय दर्शकों को आदत है कि तय कीमत से अधिक कीमत पर टिकट खरीदने की इसीलिए वह लाभ भी कमा रहे हैं
सोमवार, 1 जुलाई 2019
1 जुलाई और 1 जनवरी को इतने सारे जन्मदिन आखिर क्यों
कई महान हस्तियों के साथ 1 जुलाई को मेरा भी जन्मदिन था आप सभी को आश्चर्य होगा कि आपकी फेसबुक में 1 जुलाई और 1 जनवरी को सबसे ज्यादा लोगों का जन्मदिन होता बहुत से फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया चलाने वाले लोगों का इतनी लंबी जन्मदिन बालों की लिस्ट देखकर उनका सर चकराने लगता है कि किन किन को बधाई दें कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है ऐसा तो है नहीं कि जुलाई को 1 जनवरी को सबसे बच्चे ज्यादा जन्म लेते हैं फिर क्या कारण है की मार्कशीट और सोशल मीडिया पर 1 जुलाई एवं 1 जनवरी को ज्यादातर लोगों का जन्मदिन होता है इसका मुख्य कारण है आमतौर पर कुछ वर्ष पूर्व लोगों के जन्म प्रमाण पत्र के व्यापक रूप से रजिस्ट्रेशन नहीं होते थे एवं जन्म तिथि का आकलन शैक्षिक मार्कशीट द्वारा होता था इन मार्कशीट में जन्मदिन की घोषणा करने वाले भगवान ब्रह्मा ना होकर स्कूलों के शिक्षक ही उनके जन्मदिन दाता बन जाते थे क्योंकि जब बच्चा स्कूल जाने लायक हो जाता था तो उसके अभिभावक उसे शिक्षा दिलाने हेतु विद्यालयों में दाखिले के लिए सत्र शुरू होते ही अधूरी जानकारी के साथ पहुंच जाते थे तो वहीं पर अध्यापक अपनी सुविधा अनुसार बच्चे का जन्म 1 जुलाई या 1 जनवरी लिखवा देता था जिससे बच्चे की उम्र का सटीक पता लगाया जा सके अगर 1 जनवरी एवं 1 जुलाई को होने से सही साल एवं दिनों का आईडिया हो जाता था इसके दो कारण होते थे एक तो दिन समय जोड़ने का टीचरों की परेशानी खत्म हो जाती थी वही बच्चों के अभिभावकों को भी सुविधा एवं बच्चे की उम्र कम बढ़ा कर हो जाती थी वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया साइटों पर ज्यादातर लोगों अकाउंट बनाने के लिए 16 वर्ष 18 वर्ष पूरा होने के लिए डेट ऑफ बर्थ लिखना पड़ता है ज्यादातर लोग 1 जुलाई और 1 जनवरी को अपना जन्मदिन दिवस दिखा देते है वही उसका आगे चलकर सार्वजनिक जन्म दिवस बन जाता है और लोग उसे शुभकामनाएं देने लगते हैं जन्मदिन हो जाता है मैं आप सभी से इस ब्लॉग के माध्यम से क्षमा चाहता हूं कि मेरा असली जन्मदिन 10 सितंबर है जिन लोगों को मेरे 1 जुलाई वाले जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने के लिए असुविधा हुई हो मैं उनसे क्षमा चाहता हूं🌷🎂🍾🌻
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