पुरानी पेंशन स्कीम के बदले में लाई गई न्यू पेंशन स्कीम की नई नई शर्तों को देखकर कर्मचारी मानसिक तनाव में जी रहे हैं अभी कुछ दिन पहले एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारी कि रिटायरमेंट होने के पहले मृत्यु हो जाती है तो उसके न्यू पेंशन स्कीम फंड की हकदार उसकी पत्नी एवं बच्चे नहीं होंगे वह सरकारी फंड में जप्त कर लिया जाएगा आपको बता दें देश में पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर न्यू पेंशन स्कीम सन 2004 को भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा लागू की गई थी इसको लागू करने के समय अनेक यूनियन एवं सरकारी कर्मचारी संगठन के लोगों की सलाह एवं स्वीकृति के आधार पर किया गया था क्योंकि नई पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला करने वाली कमेटी में ज्यादातर लोग पुरानी पेंशन पहले से ही पा रहे थे इसलिए उन्होंने कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर बिना लाभ-हानि सोचे समझे इसे लागू कराने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी थी राजनेता किसी प्रकार का विरोध ना करें इसलिए इस स्कीम में सांसद विधायकों को अलग रखा गया था उन्हें पूर्व की भांति पुरानी पेंशन प्रदान की गई अब 2004 से लगभग 15 वर्ष बाद अब ज्यादातर 2004के नए कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत आने वाले हैं अब उन्हें न्यू पेंशन स्कीम की कठोर शब्दों से रूबरू होना पड़ रहा है जो कि कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करके लागू की गई थी न्यू पेंशन स्कीम पूरी तरह से शेयर मार्केट एवं कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी जिसमें सरकार मनमाफिक डूबते हुए प्राइवेट एवं सरकारी सेक्टरों को साधने के लिए न्यू पेंशन स्कीम फंड के पैसों को लगाकर उन्हें बचाने का प्रयास करती है जिससे कर्मचारियों के भविष्य को लेकर हमेशा आशंका बनी रहती है अनेक कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत फंड नहीं कटाना चाहते हैं ना ही गवर्नमेंट द्वारा दिए गए आधे पैसे को लेना चाहते हैं फिर भी सरकार द्वारा जबरदस्ती नए कर्मचारियों को न्यू पेंशन में लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जुलाई माह कि ज्यादातर एनपीएस का फॉर्म ना भरने वाले कर्मचारियों की सैलेरी तक रोक दी गई वर्तमान में न्यू पेंशन स्कीम के कुछ पात्र लोगों को पेंशन मिलना शुरू हुई है जिसको देखकर लोगों का बुरा हाल है क्योंकि कर्मचारियों का खुद का पैसा वापस नहीं हो पा रहा है और इस पेंशन के नाम पर मात्र कुछ हजार रुपए पकड़ाया जा रहे है उतना तो आम लोगों को वृद्धा एवं विधवा पेंशन में मिलता है जो इस कमरतोड़ महंगाई में ऊंट के मुंह में जीरा समान है सबसे ज्यादा वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को अपने परिवार के भविष्य को लेकर लेकर अनेक प्रकार की आशंका है क्योंकि इस स्कीम में अगर नौकरी के समय सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके जमा फंड से उसके परिवार एवं पत्नी को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाएगी भारतीय रेलवे एवं अर्धसैनिक बलों की नौकरी में तो हमेशा जीवन का रिक्स बना ही रहता है हर समय दुर्घटना के चांस अधिक रहते हैं ऐसे में कर्मचारी को अपने परिवार के भविष्य को लेकर आशंका रखना लाजमी है वर्तमान जिस प्रकार राज्य एवं केंद्र प्रशासन कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर सांसद विधायकों को बढ़ा चढ़ा के वेतन एवं पुरानी पेंशन स्कीम प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए जबरदस्ती न्यू पेंशन स्कीम को नए कर्मचारियों पर थोपने का कार्य कर रही है सरकार का एक यह कृत्य 1857 की क्रांति में लॉर्ड डलहौजी के राज्य हड़प नीति से पूरी तरह से मिलता है जिसमें अंग्रेजी कंपनी एवं अंग्रेजी शासन के नुमाइंदे लॉर्ड डलहौजी द्वारा देश के राज्यों को हड़पने के लिए विशेष नीति अपनाई उसी के परिणाम स्वरूप 1857 की क्रांति हुई थी जो कि भारत की स्वतंत्रता मैं नीव का पत्थर साबित हुई कर्मचारियों के हितों एवं अधिकारों की अनदेखी को लेकर सरकारी कर्मचारियों में एक विद्रोह का माहौल बन रहा है 🌻🙏🙏🙏🙏🌻Awaj
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