देश में धारा 370 हटने के बाद जितना दुख कश्मीर के लोगों के साथ वहां के अलगाववादी एवं राजनीति करने वाले लोगों को नहीं हुआ उससे ज्यादा दुखी पाकिस्तान दिखाई दे रहा है जिस प्रकार से पाकिस्तान ने बेगानों की शादी में अब्दुल्ला दीवाना बन के बड़े जोश मैं भारत को गीदड़ धमकियां युद्ध की संयुक्त राष्ट्र संघ में जाने की परमाणु संपन्न राष्ट्र बताने के साथ भारत से राजनयिक एक व्यापारिक खत्म करने का कदम खुद के लिए आत्महत्या करने जैसा है इस कदम से पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की स्थिति हास्यपदक बनी हुई क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक राजनीतिक एवं सामाजिक दयनीय पूरी दुनिया के किसी भी देश से छुपी नहीं है पाकिस्तान द्वारा छटपटाहट में जितने निर्णय ले रहा है उससे बाहर से अधिक नुकसान उसके खुद का होगा अगर भारत को किसी प्रकार का नुकसान होता भी है तो भारत नुकसान सहने की स्थिति में है क्योंकि कुछ दिन पूर्व पाकिस्तान को विश्व बैंक के द्वारा दिया गया कर्ज़ विश्व बैंक की शर्तों के अनुसार दिया गया जिसमें पाकिस्तान को अपने देश में पल रहे आतंकवादियों पर लगाम लगाने अब्दुल हफीज जैसे असामाजिक आतंकवादी को खत्म कर ले के साथ अपने देश के लोगों पर भारी टैक्स लगाकर कर्ज की अदायगी करनी होगी लेकिन भारत द्वारा धारा 370 हटाने के बाद वर्तमान हालात मैं नहीं लगता कि पाकिस्तान विश्व बैंक द्वारा लिए गए कर्ज से अपने देश की आर्थिक स्थिति सुधार पाएगा क्योंकि पाकिस्तान द्वारा लिए गए कुछ पाकिस्तान के जनमानस को संतुष्ट करने के लिए लिए गए कुछ भारत विरोधी आर्थिक निर्णयों से विश्व बैंक का पूरा कर्ज इसी उठापटक में खर्च हो जाएगा और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होने से कोई भी नहीं बचा पाएगा ऐसे हालात में मजबूर होकर स्थानीय जनता गृह युद्ध को मजबूर होगी जो पाकिस्तान के अनेक टुकड़ों में बांटने का कारण बन सकता है पाकिस्तान जिन देशों को लामबंद कर के भारत के खिलाफ एक माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है वह देश भारत के खिलाफ खुलकर ना आकर पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर चलाना चाहते हैं जिसका नुकसान हर हालत में पाकिस्तान को ही उठाना पड़ेगा क्योंकि पाकिस्तान पूरे विश्व के सामने अमेरिका में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के द्वारा 30 से 40,000 आतंकवादियों के पाकिस्तान में होने की बात को स्वीकार कर चुका है एवं विश्व के सभी देश जानते हैं कि आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है विश्व में कहीं भी कोई आतंकी घटना होती है तो उसमें सीधा सीधा पाकिस्तान का कनेक्शन होता है इसलिए अगर कोई भी मामला राष्ट्र संघ में जाता है तो यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी हार होगी क्योंकि भारत अपना पक्ष रखेगा कि हम 30 से 40,000 आतंकवादियों से अपने देश के अन्य हिस्सों जम्मू कश्मीर लद्दाख को बचाने के लिए अपने आंतरिक कानून के हिसाब से बदलाव लाकर उन पर लगाम लगाना चाह रहे हैं एवं अपने देश को आतंकवादियों से सुरक्षित करने के लिए भारत अनेक कदम अपने कानून अनुसार उठा सकता है इसमें किसी भी देश एवं संसार को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है यह भारत का अंदरूनी मामला है जिस धारा 370 को लेकर पाकिस्तान इतनी हाय तौबा मचा रहा है अगर वह चाहे तो है भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से हटाए गए धारा 370 को पूरी तरह से पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान में क्यों लागू नहीं कर देता है सभी को पता है कि पाकिस्तान द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लोगों को वहां पर बसा कर उनके संसाधनों पर नाजायज तरीके से हड़प कर चीन जैसे देशों को बेचता रहा है विश्व के अनेकों देशों ने भारत की धारा 370 हटाने के निर्णय को उसका अंदरूनी मामला बताया है मुस्लिम देशों ने भी भारत के इस कदम की सराहना की है वहीं भारत का मुस्लिम तबका भी अपने आप को जम्मू कश्मीर की धारा 370 से अलग-थलग महसूस करता था लेकिन धारा 370 हटने के बाद देश के मुसलमानों के लिए भी जम्मू कश्मीर में कई आर्थिक एवं सामाजिक रास्ते खोल दिए हैं जिनके द्वारा वह भी अनेक लाभ ले पाएंगे
शुक्रवार, 9 अगस्त 2019
लखनऊ के आलमनगर और काकोरी रेलवे स्टेशनों के बीच रेलगाड़ी से सरकारी खजाना लूटा था
देश की प्रमुख घटनाओं में सुमार काकोरी कांड आज के ही दिन 9 अगस्त 1925 को लखनऊ से 14 किलोमीटर दूर आलमनगर से काकोरी रेलवे स्टेशन के बीच के बीच में देश के प्रमुख क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल आसिफ उल्ला खान राजेंद्र रोशन सिंह एवं राजेंद्र लाहिड़ी सहित 10 क्रांतिकारी साथियों ने अंग्रेजी हुकूमत के सरकारी खजाने को रेलगाड़ी में से लूट कर अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी थी जिसके फलस्वरूप अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें गिरफ्तार कर कर उन पर कठोर धाराओं में मुकदमा चलाया बाद में इन सभी को फांसी दे दी गई थी यह घटना इतिहास के पन्नों में हमेशा अमर रहेगी क्योंकि इन जैसे आजादी के दीवानों क्रांतिकारियों की कहानियां से हमारे देश के युवाओं को हमेशा प्रेरणा मिलती रहेगी जिस अंग्रेजी हुeकूमत को अपनी शक्ति पर इतना गुमान था कि वह भारत पर हमेशा हमेशा के लिए राज्य करना चाहता था लेकिन कुछ आजादी के दीवानों ने तो कुछ और ही सोच रखा था जो बिना किसी जीवन मृत्यु की परवाह किए हुए हंसते हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए और अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दे गए की आज नहीं तो कल हम जैसे अनेक क्रांतिकारी अंग्रेजी हुकूमत से देश को आजादकरा कर ही रहेंगे काकोरी कांड की यह घटना से युवाओं में एक जोश एवं संचार का कार्य किया इसके बाद अनेक युवा देश के सशक्त तरीके से आंदोलन करके आजाद कराने के लिए प्रयत्न करने लगे इन आंदोलनों के फल स्वरुप बाद में सन 1947 को हमारा देश आजाद हुआ हम सभी देशवासी इन अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं🌻🌻🌻🌹🌷⚘🌸💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
करो या मरो अगस्त 8- 9 अगस्त क्रांति
आज हमारा देश के प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलन अंग्रेजों भारत छोड़ो की वर्षगांठ मना रहा है अगस्त क्रांति के रूप में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा भारतीय जनमानस के सहयोग से छेड़ा गया उसी में एक नारा दिया गया करो या मरो गांधी जी द्वारा छेड़ा गया यह देश का अंतिम वृहद आंदोलन था जिसमें पूरब से लेकर पश्चिम उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारतीय जनमानस अंग्रेजी हुकूमत के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए सड़कों पर आ गया था यह आंदोलन इतना व्यापक था कि इस की धमक से अंग्रेजी साम्राज्य दहल गया क्योंकि उस समय पूरे विश्व में द्वितीय विश्व युद्ध के बादल मंडरा रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के गरम दल के नेता सुभाष चंद्र बोस जी जापान एवं जर्मनी के सहयोग से अपनी खुद की सेना आजाद हिंद फौज को तैयार करके अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सशक्त युद्ध लड़कर देश को आजाद कराने के लिए संघर्षशील थे उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत पर आक्रमण कर कर रंगून से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों पर आजाद हिंद का परचम लहरा दिया था ऐसे समय में अंग्रेजी हुकूमत के लिए भारत को आजाद करने के सिवा कोई विकल्प मौजूद नहीं था क्योंकि इंग्लैंड के प्रत्यक्ष रूप से द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल होने के कारण इंग्लैंड आर्थिक स्थिति से टूट चुका था वहीं भारतीय जनमानस पूरी तरह से देश को स्वतंत्र कराने के लिए हर प्रकार के आंदोलन के लिए तैयार था ऐसी स्थिति में इंग्लैंड ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक प्रतिनिधिमंडल तत्कालीन भारतीय वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के नेतृत्व में भारतीय कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर 1946 में एक आंतरिक कमेटी का गठन किया एवं भारतीय संविधान एवं राज्यों के परिसीमन पर अमल करके भारत को 15 अगस्त 1947 में दो भागों में बांटकर स्वतंत्र कर दिया एक भाग तत्कालीन पूर्वी बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के रूप में 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है क्योंकि 1971 में पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र देश बन चुका है इसलिए वह अपना स्वतंत्रता दिवस अलग मनाने लगा
बुधवार, 7 अगस्त 2019
अपनी ओजस्वी भाषा शैली से पूरे विश्व को हिला देने वाली महान राजनैतिक महिला सुषमा स्वराज जी अब हम सबके बीच नहीं रही
सच में एक ऐसी आवाज जिसे सुनकर लोगों में जोश भर आता था हां कुछ ही दिनों पहले की बात है जब हमारी देश की एक शेरनी संसद में दहाड़ा करती थी तो उस की धमक पूरे विश्व में भारतीय वैभव पूर्ण चेहरे के रूप में दिखाई देती थी हां मैं बात कर रहा हूं हमारे देश की राजनीति की चमकते हुए सितारे सुषमा स्वराज जो आज हम सभी के बीच से निकल कर आसमान में एक तारा बन चुकी है सुषमा स्वराज अकेली बीजेपी की एक बड़ी राजनेता ना हो के देश की महिलाओं के लिए आइकॉन बन कर प्रेरणा देती थी जिन्होंने भारत में महिलाओं को एक ऊंचे मुकाम पर पहुंचाने के लिए विशेष प्रेरणादायक बनकर भारतीय राजनीति में कई दशकों तक अपनी भारतीय वेशभूषा एवं संस्कृति से पूरे विश्व को रूबरू कराया भारतीय परिधान साड़ी माथे पर बिंदी पूरी तरह से एक भारतीय नारी की तरह दिखने वाली स्वर्गीय सुषमा स्वराज की हमेशा देश के लोगों के दिलों में राज करती थी पक्ष हो या विपक्ष हो शत्रु देश हो या मित्र देश हो सभी उनकी सधे हुए शब्दों के भाषणों से अभिभूत होकर उनकी प्रशंसा करने से पीछे नहीं हटते थे अंतिम बार उन्होंने मध्य प्रदेश के विदिशा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर बीजेपी की नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री वाले मंत्रिपरिषद में विदेश मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण मंत्री पद लेकर अपनी क्षमता एवं प्रतिभा का परिचय दिया उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के मंत्री मंडल में भी मंत्री रहते हुए अनेक जन हितेषी कार्य किए थे नरेंद्र मोदी पार्ट 2 गवर्नमेंट के चुनाव में उन्होंने स्वेच्छा से स्वस्थ खराब होने के कारण लोकसभा चुनाव लड़ने मैं असमर्थता जताते हुए मंत्री पद लेने से मना कर दिया था कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य भी सही नहीं चल रहा था उनका स्वर्गवास दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हो गया है हम सभी देशवासी उन्हें हमेशा अपने दिलों में रखते हुए उनके किए गए कार्यों के लिए कृतज्ञ रहेंगे इस महान देश की तेजस्वी राजनीतिक महिला को हम सब देशवासी नमन करते हैं उन्हें भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं🌻🌼🌼💐🙏🙏🙏🙏🙏🌻🌻🌻🌻🌻🌻
मंगलवार, 6 अगस्त 2019
समुंदर में लहर कैसे नहीं उठेगी साथियों एक बार तबीयत से पत्थर उछाल के तो देखो
#सिविल_सेवा .....किसके लिए कितनी आसान....!!!
1...पढ़ने में गहन रुचि....अगर आप 2-3घन्टे तक एक जगह बैठकर किताबों के साथ डूबे रह सकते हो...,जैसे एक गुदगुदाने वाले उपन्यास को पढ़ते समय पता ही नहीं चलता ,कब दो से तीन घंटे बीत गए अथार्त पढ़ाई को एन्जाय करते हो ।
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2...निरन्तरता का कोई जबाव नहीं....... हर रोज़ पढने की ललक .........चाहें पांच छह घंटे ही पढ़े,क्योंकि सप्ताह में चार दिन पंद्रह-पंद्रह घंटे पढ़कर, तीन दिन मौजमस्ती करने से अच्छा है, सप्ताह के सातों दिन आठ आठ घंटे पढ़ना ....
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3...करेंट अफेयर पर तगड़ी पकड़ .......सिविल सेवा की तैयारी 70 फीसदी डैली के न्यूजपेपर से होती हैं.....इसलिए खुद को हर दिन देश- दुनिया की खबरों व घटनाओं के प्रति alert रखता हो ,न्यूजपेपर को किताब की तरह पढ़ता हो..., लेकिन चुनिंदा खबरों तथा लेखों को ही....
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4......तैयारी के शुरुआती चार महीनों में हर रोज़ आधा घंटा सिविल सेवा के सिलेबस को समझने में लगाइये,उसके पश्चात् अगले चार महीने हर रोज़ आधा घंटा आईएएस के पुराने पेपरों को समझने में लगाइये.....यह याद रखिए अगर आपने सिलेबस तथा पुराने पेपरों को नहीं समझा,तो आपने UPSC के बारे में कुछ भी नहीं समझा,क्योंकि यही आपकी गीता हैं,यही आपकी कुरान हैं ......
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5....6-12 NCERT किताबों का खुद को विशेषज्ञ बना ले... कुछ चुनिंदा विषयों का
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6.....सबसे अन्त में सबसे जरूरी भी एक वैकल्पिक कैरियर दिमाग में रखिए, ताकि आगे चलकर ज्यादा हाथ - पाव ना मारना पड़े (इसको अधिकतर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं)
#All_The_Best
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