शनिवार, 13 मार्च 2021

हर किसी पर आंख बंद कर विश्वास घातक हो सकता है सनम तो डूबेंगे आप को भी ले डूबेंगे


 जीवन में मनुष्य कुछ पाने  के लिए हर किसी पर आंख बंद कर विश्वास करने लगता है और वह सोचता है कि जिस पर मैं विश्वास कर रहा हूं वह मुझे सफलता के आसमान पर पहुंचा देगा

लेकिन हर रथ के  सारथी श्री कृष्ण नहीं होते  अनजाने में लोग ऐसे व्यक्तियों पर भी विश्वास कर लेते हैं जो कुशल सारथी होने का ढोंग कर कर गलत तरीके से रथ पर बैठ जाते हैं जो भविष्य में उन्हें पूरी तरीके से बर्बादी के रास्ते पर पहुंचा देते 


प्रथम विश्व युद्ध के बाद  विश्व भर में अपने कारनामों एवं अपनी अहंकारी नीतियों को लागू करके हिटलर पूरे विश्व भर में अपनी तानाशाही के बल पर अपने आप को सर्वश्रेष्ठ कहलाने के लिए लोगों को गुमराह करता था उसका मत था कि वह ईश्वर का प्रतिनिधि है एवं वह पूरे विश्व पर राज करने के लिए उसने इस पृथ्वी पर जन्म लिया हैं शुरुआत में कुछ सफलता मिलने पर जर्मनी एवं उसके सहयोगी देश एवं वहां के लोग उसे ईश्वर का प्रतिनिधि मानकर उसके एक इशारे पर अपनी एवं अपने परिवार की जान दाव पर लगा देते थे

उसी के इशारों पर अनेक यहूदियों एवं शत्रु देशों के सैनिकों एवं लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया एवं उपनिवेश एवं साम्राज्य बढ़ाने के लिए कई घातक हथियारों का निर्माण करके पूरे विश्व भर में उथल-पुथल मचा दी

लेकिन बुरे का अंत बुरा होता है अंत में हिटलर एवं जर्मनी का पतन हुआ और हिटलर ने सबसे बड़ा कायराना कार्य करके  आत्महत्या कर ली


और अपने सभी सहयोगियों को बर्बादी की कगार पर छोड़ दिया  इस प्रकार के व्यक्तियों को बढ़ावा देने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान उन लोगों का भी होता है जो कुछ चाहने की चाहत में हर किसी पर आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं बिना किसी अंजाम की परवाह किए बगैर लेकिन हर चमकती हुई चीज सोना नहीं होती इसी सरकार कुछ सफलता अर्जित करने वाला व्यक्ति ईश्वर का प्रतिनिधि नहीं हो सकता अपने स्वविवेक का इस्तेमाल करें अपने अच्छे और बुरे को इत्मीनान से समझकर प्रत्येक कार्य करें इसी में मानव जाति की भलाई 

गुरुवार, 11 मार्च 2021

आध्यात्मिक की गहराइयों में डूबने का पवित्र महापर्व है महाशिवरात्रि


  #महाशिवरात्रि #Mahashivratri

अघोरी शास्त्र स्वरोदय विज्ञान तंत्र मंत्र यंत्र से लेकर मानव कल्पना से परे दिव्य अलौकिक आध्यात्मिक की गहराइयों को जानने की उत्सुकता प्रत्येक मनुष्य के मन में होती है जीवन का सत्य जानने के लिए लोग सैकड़ों वर्ष की तपस्या मैं भी जो फल प्राप्त नहीं कर पाते जो साल भर में एक बार आने वाले


महापर्व महाशिवरात्रि पर साधना करके कोई भी व्यक्ति प्राप्त कर सकता है जीवन में व्यक्ति को अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत एक नास्तिक व्यक्ति बन कर करनी चाहिए क्योंकि वह व्यक्ति हर प्रकार के तर्क वितर्क एवं अपनी जिज्ञासाओं को अध्यात्म के रास्ते की गहराइयों में डूब कर खुद हर लमहे को जीकर एवं पाकर अपनी कल्पना से वास्तविक ईश्वर की पहचान कर सकता है


संपूर्ण ब्रह्मांड में एकमात्र शिव स्वरूप परमात्मा जो कि निराकार रूप में सभी और व्याप्त है उसकी खोज मनुष्य का प्रमुख उद्देश्य होता है जिसे पाकर व्यक्ति मोक्ष की कामना करता है


शिव के एक रूप अघोरी जिसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति के अंदर उसे जानने की उत्सुकता होती है अघोरी जीवन एक ऐसा जीवन है कि जो सभी प्रकार कामनाओं पर विजय प्राप्त करने के बाद ही जिया जा सकता है


एक अघोरी हर उस वस्तु को जो उसे दिखाई दे सुनाई दे या महसूस हो उसे शिव के स्वरूप के रूप में देखता है जिसके कारण उन्हें कोई भी कर्म है या चीज बुरी नहीं लगती है वह हमेशा इस प्रकार का जीवन जीते हैं जो आम व्यक्ति की समझ से परे है यह जीवन घोर अध्यात्म का होता है


जब मनुष्य इनके वास्तविक आध्यात्मिक को समझता है तो उसे समझ में आता है कि सांसारिक जीवन से भी बढ़कर अध्यात्म और अध्यात्म से बढ़कर मोक्ष की प्राप्ति के लिए किए गए विशेष हट योग एवं कर्म से मानव उत्थान एवं कल्याण का रास्ता ही वास्तविक ईश्वर भक्ति एवं ईश्वर को प्राप्त करने का रास्ता है


महाशिवरात्रि को ब्रह्मांड में एक अलौकिक शक्ति का उदय होता है जो उसे एक मनुष्य को शिव स्वरूप बना देती है लेकिन इसके वास्तविक चमत्कारों का लाभ वही व्यक्ति उठा पाता है कि


जो शिवरात्रि के दिन पूर्ण रूप से शिवमय होकर आराधना कर सके

मंगलवार, 9 मार्च 2021

समाज में फैले भ्रष्टाचार की कहानियों का पिटारा मुसद्दीलाल का ऑफिस ऑफिस प्रोग्राम


 सरकारी विभागों एवं आम जीवन में आम व्यक्ति की समस्याओं को लेकर ऑफिस ऑफिस मुसद्दीलाल सीरियल जो कि काफी वर्ष पहले पंकज कपूर के मुसद्दीलाल किरदार के इर्द-गिर्द घूमने वाले पात्रों एवं विभिन्न घटनाओं समस्याओं को रेखांकित करके समाज के कुरूप चेहरे को दर्शकों के सामने परोसा गया था जिसे लोगों ने हाथों हाथ लिया था यह सीरियल काफी फेमस हुआ था क्योंकि इसमें आम व्यक्ति की व्यथा दिखाई गई थी कि किस प्रकार वह लोगों का भला करने के लिए एवं अपनी समस्याओं को सॉल्व करने के लिए किस प्रकार चकरघिन्नी बन जाता है और सभी ओर से शोषण का शिकार होता है वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर मुसद्दी लाल के प्रोग्राम वायरल हो रहे हैं जिसे लोग मनोरंजन एवं सामाजिक ताने-बाने को लेकर आश्चर्यचकित होकर देख रहे हैं कि इतने बरसों बाद भी अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है इस प्रोग्राम में जितनी भी समस्याएं बताई गई हैं वह अभी पहले की ही भांति निरंतर चलती चली आ रही हैं समाज में फैले इस प्रकार के कुरूप चेहरे को वर्तमान की मीडिया दिखाने में पूरी तरीके से बचती है जो की समझ से परे है वर्तमान समय में जरूरत है मुसद्दीलाल जैसे सीरियलों की जो कि समाज में फैली भ्रष्टाचार एवं आम जनमानस के शोषण के साम्राज्य को आम जनमानस के सामने लाकर इसे खत्म कराने के लिए समाज में संदेश दें वह चाहे स्वास्थ्य विभाग में हो शिक्षा विभाग में हो या अन्य किसी भी विभाग में हो चारों ओर से जहां आम व्यक्ति का शोषण होता है है इसे खत्म करने के लिए बड़े स्तर से प्रयास किए जाने की जरूरत है

विश्व की कुछ घटनाएं जो कि कुछ लोगों को पहले से ही पता चल जाती हैं जिनमे रूस में आया भूकंप भी

पूर्वानुमान, सपने और आध्यात्मिक दृष्टिकोण: एक सिमुलेटेड विश्व का रहस्य ...