शनिवार, 25 मई 2019

रामराजा सरकार ओरछा धाम यूनेस्को की सूची में शामिल जहां भगवान को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है


  • हमारा देश अनेक देवी देवताओं धार्मिक आस्था एवं त्योहारों का देश है यहां पर अनेक देवी देवता पूजे जाते हैं जिसमें से भगवान राम प्रत्येक व्यक्ति के आस्था के केंद्र हैं भारत देश एक गणतंत्र देश है इसलिए सभी धर्मों की आस्था को देखते हुए एक आचार संहिता होती है लेकिन बुंदेलखंड के झांसी से कुछ किलोमीटर दूर स्थित ओरछा मैं विराजमान ओरछा धीश रामराजा सरकार रामचंद्र जी के मंदिर में उन्हें राज्य सरकार द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है यहां भगवान राम राजा के रूप में विराजमान हैं ओरछा रियासत पूर्व में देश की एक मजबूत रियासत मानी जाती थी यहां के प्रसिद्ध राजा वीर सिंह जूदेव जो कि पूर्व मुगल सम्राट जहांगीर के परम मित्र थे भगवान श्री राम राजा की परम भक्त यहां की रानी कुंवर गणेशी बाई जिन्होंने अयोध्या में जाकर भगवान राम की प्रतिमा लेकर ओरछा में भगवान राम को राजा के रूप में विराजित कराया एक कहानी प्रसिद्ध है कि गणेशी बाई जोगी राम की परम भक्त उन्होंने अपनी भक्ति से भगवान राम से ओरछा चलने का आग्रह किया जिसे भगवान राम ने उन्हें सपने में निर्देशित किया कि मैं प्रतिमा रूप में आपके साथ प्रमुख पुख नक्षत्र में चलूंगा एवं जिस स्थान पर एक पर विराजित हो जाऊंगा उसके बाद अन्य स्थान पर विस्थापित नहीं हो सकूंगा मेरे ओरछा में विराजमान होने के बाद ओरछा का साम्राज्य वीरान हो जाएगा इस प्रकार के सपने से खुश होकर रानी ने ओरछा में एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया जिसे आज भी लोग चतुर्भुज भगवान के मंदिर के नाम से जानते हैं जब  रानी कुंवर गणेशी जी भगवान राम की प्रतिमा लेकर ओरछा पहुंची तो मंदिर में पूजन के लिए कुछ कमी रह गई थी इस कारण उन्होंने भगवान की प्रतिमा को अपने भोजनालय में स्थापित कर दिया उसके बाद वह प्रतिमा फिर नहीं उठी बाद में यही मंदिर का निर्माण कराकर उनकी प्रतिमा स्थापित की गई भगवान राम ओरछा में राजा के रूप में विराजमान है  ओरछा एक अच्छा एवं प्राकृतिक माहौल से भरपूर पर्यटक स्थल है यहां पर प्रत्येक वर्ष देशी एवं विदेशी सैलानी हजारों की संख्या में आते हैं और यहां के प्राकृतिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का आनंद लेते हैं यहां के अन्य मंदिर लक्ष्मी जी मंदिर छार द्वारी मंदिर एवं सिंह पुरा हनुमान जी मंदिर एक प्रमुख आस्था के केंद्र हैं यहां का जहांगीर किला हरदोल बेटका एवं रिवर फ्रंट शांति एवं सौंदर्य युक्त क्षेत्र है अगर आप यहां आना चाहते हैं तो बुंदेलखंड के झांसी से मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस क्षेत्र में जाने के लिए रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग दोनों से जाया जा सकता आपको झांसी से  कम कीमत में   प्रमुख यातायात  साधन ओरछा के लिए मिल जाएंगे ओरछा के प्रमुख त्योहार रामनवमी एवं राम विवाह माना जाता है यहां सबसे अधिक मंगल रविवार पुख नक्षत्र सावन तीज को सबसे ज्यादा भीड़ रहती है पुख नक्षत्र में तो सैकड़ों किलोमीटर से लोग पैदल यहां पहुंचते हैं यहां रुकने के लिए अच्छी धर्मशालाएं एवं होटल स्थित है जो आपके बजट में आराम से आ सकते हैं ओरछा एक सस्ता एवं मनोरंजन से भरपूर घूमने का स्थान है फिर सोचना क्या क्यों ना इस बार बरसात एवं गर्मियों की छुट्टी में ओरछा घूमने जाया जाए ✍✍✍✍🌻
    🌻Awaj ngo

बुधवार, 22 मई 2019

बरुआसागर स्वर्ग आश्रम झरना की पवित्र भूमि


बुंदेलखंड का शिमला कहे जाने वाले  स्वामी शरणानंद की पवित्र भूमि  हमारा नगर बरुआसागर की मिट्टी का कर्ज है हम पर जिसे चुकाने के लिए जीते जी संघर्ष करते रहेंगे यह सोच अकेली मेरी नहीं है मेरे जैसे तमाम नगर के युवाओं की है जो अपने गांव से कहीं दूर सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरियां व्यापार सामाजिक संगठनों में कार्य कर रहे हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है हमेशा सुनते आ रहे हैं लेकिन अब आवश्यकता पड़ी है अविष्कार करने की क्योंकि जब कभी ऐसे उदाहरण देखलेते हैं कि किसी छोटे से गांव से कई आईएएस निकले किसी छोटे से गांव से कई बड़े सैन्य अधिकारी निकले किसी गांव से बहुत उद्योगपति निकले तो तो दुख होता है और मन करता है कि क्यों ना हम अपने गांव को भी ऐसा विकसित करें कि यहां से भी कई ऐसी प्रतिभाएं निकले जो विश्व पटल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाए एवं गांव का नाम रोशन करें लेकिन उसके जरूरत है बौद्धिक जागरण मजबूत आर्थिक संपन्न एक जोशीली टीम की जो बदलाव ला सके अपनी प्रतिभा के माध्यम से नगर के भौगोलिक सामाजिक आर्थिक मूलभूत ढांचा मैं क्योंकि हमारा नगर बरुआ सागर एक स्वस्थ एवं स्वच्छ नगर के रूप में जाना जाता है लेकिन आने वाले समय में और इसे विकसित करने के लिए हम सभी नगर के सामाजिक लोगों को आगे आना होगा और इसे भविष्य के लिए विकसित करने के लिए कई योजनाएं को मुहूर्त देने के लिए अपने अपने विचार रखने होंगे जिससे उन विचारों को एक चेहरा दिया जाए और राज्य केंद्र सरकार में बैठे हुए केंद्रीय मंत्रियों अधिकारियों के पास यहां से संबंधित कई विकास कार्यों के लिए विशेष प्रयासरत लिखित मांग की जाए क्योंकि नगर बरुआ सागर इतिहासिक झरना तालाब के किनारे बसा हुआ जो कि अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है बात करते हैं यहां के जल संसाधन की पूर्व में नगर तालाब में झीलों का नगर कहलाता था वर्तमान में यहां पेयजल आपूर्ति स्थानीय बेतवा नदी कंपनी बाग के ट्यूबवेल से होती है बेतवा नदी के किनारे होने के बाद भी नगर का बहुत से क्षेत्र पेयजल संकट से जूझता रहता है जिसका मुख्य कारण यहां जो भविष्य के लिए बनाई गई पेयजल योजनाएं हैं वह वर्तमान तक ही सीमित है अधिकारियों की  आदूरदर्शिता एवं असंतुलित जल वितरण के कारण समय से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है हमें चाहिए कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए और भी बड़ी जल संसाधन योजनाएं बरुआसागर के लिए बने और बिना किसी भ्रष्टाचार के यहां पर कार्य करें विद्युत पर निर्भर होने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर वैकल्पिक पानी की व्यवस्था के लिए झरना तालाब में भी एक बड़ा सा ट्यूबवेल लगाकर आपात स्थिति जनरेटर द्वारा  नगर एवं आसपास के क्षेत्रों  पेयजल आपूर्ति की जा सके इसके लिए पूंजी की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि वर्तमान में नगर पालिका परिषद इतना सारा इन्वेस्ट नहीं कर सकती क्योंकि नगर पालिका परिषद की एक सीमित आय है उसके लिए हमें विभिन्न विकास निधियों संसद नदी विधायक निधि वित्त पोषित निधि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत चलने वाली निधि से करना होगा उसके लिए योजना बनाकर उसे स्वीकृत होगी यह किसी एक व्यक्ति की जिम्मेवारी नहीं कि वह सभी योजनाओं के लिए कार्य करें इसके लिए नगर के सभी लोग अपने अपने स्तर से कार्य कर सकते हैं खुद अपने विचार या अपनी मांग को लेकर पीएमओ से लेकर राज्य सरकार तमाम जगह भेज सकते है अदरक अरबी रतालू आमला अमरूद किन्नू फल के लिए प्रसिद्ध बरुआसागर की बरसों से चली आ रही फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की मांग मूर्त रूप नहीं ले पा रही है अनेकों बार इस यूनिट के लिए तमाम अधिकारियों से लेकर विभागों को फाइल पहुंचाई गई लेकिन फाइल आगे नहीं बढ़ पाई दूसरी बड़ी समस्या नगर के बीचो-बीच गुजरने वाले भारी वाहन बड़ी समस्या बने है क्योंकि जिस बायपास मार्ग की योजना ठंडे बस्ते में है उसका मुख्य कारण है के किले के पास लगने वाले पहाड़ को काटकर बायपास मार्ग बनाना था लेकिन क्योंकि वह पुरातत्व एवं वन विभाग की जगह होने के कारण एनओसी का सबसे बड़ा मुद्दा बन गई है इसीलिए ठंडे बस्ते में हो सकता है कि बड़े लीडरों एवं अधिकारियों के हस्तक्षेप से यह मांग भी सॉल्व हो सकती है लेकिन उसके लिए पहल करनी पड़ेगी नगर को सुरक्षित बनाने के लिए एक और योजना है जो पूरी तरह से पीपीपी मॉडल पर है जिसमें नगर का जो भी व्यक्ति अपने मोहल्ले एवं घर को सुरक्षित रखना चाहे तो वह नगर पालिका के सहयोग से सीसी कैमरा लगा सकता है जिसमें कुछ परसेंट फंड नगरपालिका दे बकाया सत्तर परसेंट गृह स्वामी दे सकता है जिससे सभी नगर की गलियां सुरक्षित हो सके एक और प्रमुख बड़ा मुद्दा बरुआसागर का नगर तालाब जो कि मध्य प्रदेश के राजापुर में बने डैम की वजह से कुछ वर्षों मैं पूर्ण रूप से नहीं भर पा रहा था लेकिन वर्तमान में पिछले वर्ष जो अच्छी बारिश हुई उससे तो तालाब भर चुका है पिछली बरसात में लाखों की संख्या मैं सैलानियों ने यहां का प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक धार्मिक लाभ उठाया लेकिन भविष्य में फिर से अगर कम बारिश होती है तो यह तालाब पूर्ण रूप से खाली रहेगा जिसका पूरा सर हमारे आसपास होने वाली खेती वाटर लेवल पर पड़ता है और उस से चलने वाले उद्योग धंधों पर इसका व्यापक असर पड़ता है जल बंटवारे को लेकर तमाम सामाजिक संगठनों द्वारा पहल की गई लेकिन मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बीच होने के कारण यह मामला फंसा हुआ है केन बेतवा गठजोड़ मैं केन नदी का पानी बेतवा में डालना था मुख्य बिंदु बरुआसागर तालाब था लेकिन जब योजना जमीन पर ही नहीं उतर पाई जिसकी मुख्य संरक्षक पूर्व जल संसाधन विकास की केंद्रीय मंत्री थी एवं मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश दोनों जगह एक ही सरकार की गवर्नमेंट थी अब भविष्य में इसका पूर्ण होना संशय बना हुआ है क्योंकि वर्तमान में मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश विपरीत राज्य सरकार हैं जिससे बरुआसागर तालाब राजापुर तालाब के बीच जल बंटवारा होना टेढ़ी खीर होगा क्षेत्रीय स्तर से जल बंटवारा हो सकता है क्योंकि बिना जल बंटवारे के हमेशा पानी के लिए असुरक्षा बनी रहेगी क्योंकि राजापुर में जो जल संचय किया जाता है उसको नहर के माध्यम से निवाड़ी होते हुए बाईपास कर दिया जाता है इसलिए कितना ही पानी आए लेकिन बरुआसागर तालाब में एक बूंद भी पानी नहीं आ सकता वह तो पिछले साल रिकॉर्ड अत्यधिक बरसात से बाढ़ की हालत के हालात होने के कारण मजबूरी में पानी छोड़ना पड़ता है और अभी पूरी तरह से मध्यप्रदेश के राजापुर तालाब से लगी हुई नहरों का विस्तार नहीं हो पाया आने वाले समय में बरुआ सागर झरना तालाब के लिए संकट की घड़ी होगी एवं तालाब अपना वैभव खो देगा अब बात करते हैं नगर के युवाओं एवं छात्रों के लिए उनके लिए विशेष योजनाएं होनी चाहिए क्योंकि वर्तमान में क्रिकेट एवं मोबाइल युग से विपरीत उनके लिए कंपटीशन भावना लाना है तो खेल एवं स्वयं सहायता समूह सामाजिक विकास करना पड़ेगा जिसके लिए नगर में अधूरे पड़े खेल स्थान एवं इनडोर स्टेडियम की व्यवस्था करनी चाहिए जहां छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के लिए दौड़ प्रतियोगिताएं टेबल टेनिस चैस खो खो कबड्डी जूडो कराटे तीरंदाजी जैसे खेलों को खेल कर अपने आप को सामाजिक मानसिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत कर सके और भविष्य में जिले प्रदेश देश एवं ओलंपिक जैसे खेलों में सम्मिलित होकर नगर का नाम रोशन करें महिलाओं के लिए जितना जिले के अन्य क्षेत्र में हुआ नगर में शायद नहीं हो पाया क्योंकि महिला सशक्तिकरण का विकास करने के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा अनेक स्वयं सहायता समूह चलाए जाते हैं जिनमें महिलाएं व्यापारिक सामाजिक आर्थिक मजबूत होने के साथ-साथ अपने पैरों पर खड़ी होती है आज भी नगर में जरूरत है विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देने वाले प्रोग्रामओं की जो महिलाओं को तमाम व्यापारिक प्रशिक्षण दे सकें अगर नगर की 50 में से 10 महिलाएं भी आर्थिक रुप से मजबूत हो गई तो नगर की तस्वीर ही कुछ और होगी छात्रों के लिए एक विशेष सौगात जो पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव प्रमोद कुमार अग्रवाल जी ने दी थी उसका लाभ उठाकर आज सैकड़ों छात्र सरकारी एवं गैर सरकारी पदों पर आसीन हैं वह है हमारे नगर का एकमात्र पुस्तकालय जो नगर पालिका द्वारा संचालित है उसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार ना होने के कारण आज भी अनेकों छात्र छात्राएं उस लाभ लेने से वंचित है इसके लिए चाहिए उसका प्रचार-प्रसार हो एवं लोगों को किस प्रकार से लाभ पहुंचाया जा सके इस प्रकार योजना बनाई जा सकती है ऐसी अनेक कार्य है जिसके माध्यम से नगर का चौमुखी विकास किया जा सकता है उसके लिए हम सभी को एक ठोस पहल करनी होगी क्योंकि किसी के पास वक्त नहीं है किसी के पास धन नहीं है किसी के पास संसाधन नहीं है लेकिन जब पांचों उंगलियां मुट्ठी बन जाती है तो एक विशेष शक्ति कहलाती हैं इसीलिए हम सब को एक होकर नगर हित में कार्य करने होंगे✍✍✍✍awaj ngo

शनिवार, 18 मई 2019

गांधी एवं गोडसे

 पिछले कुछ वर्षों से एक प्रोपोगेंडा चला कर देश के महापुरुषों के चरित्र का हनन करने का प्रचलन बन गया है आज कोई भी  सड़क छाप व्यक्ति किसी भी महापुरुष के चरित्र पर कीचड़ उछाल देता है और कथित सोशल मीडिया उस को हवा देने लगती है वर्तमान समय में जिस प्रकार से एक हत्यारे नाथूराम गोडसे जिसने एक अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को सीने मैं गोली मारकर उनके जीवन का अंत कर दिया था उस मनोरोगी  व्यक्ति को महान बताने में लगे हुए है इतिहास हमें बताता है कि किस प्रकार एक व्यक्ति ने अपने खुशहाल आधुनिक जीवन को त्याग करके पूरे विश्व में एक हिंसा के प्रति अहिंसा की लड़ाई लड़कर अहिंसा का जो हथियार दिया है वह वर्तमान समय एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ही कारगर हो रहा है लेकिन वर्तमान में जिस प्रकार से लोगों में हिंसा भरी  जा रही है वह आनेे वाली पीढ़ियों के लिए नासूर साबित होगी वर्तमान में पूरे विश्व में जिन देशों में हिंसक लोग रहते हैं उनका हश्र सबके सामने है जर्मनी में जब हिटलर का उदय हुआ था तो वह सब हिंसा पर उतारू हो कर अपने आपको भगवान का प्रतिनिधि मान कर लोगों  पर अत्याचार कर रहा था लेकिन बाद में उसका अंत खुद आत्महत्या करने के बाद  हुआ था कथित सोशल मीडिया के इतिहास मैं पढ़ाया जा रहा है कि किस प्रकार नाथूराम ने देश हित  मैं हत्या की थी हिंसा का अंत बहुत ही  खराब होता है अगर वर्तमान में नाथूराम गोडसे ढूंढने के लिए आप सड़कों पर निकलेंगे तो हर गली मोहल्ले में सिरफिरे टाइप के नाथूराम गोडसे मिल जाएंगे  लेकिन गांधी को ढूंढने के लिए पीढ़ियां गुजर जाएंगी  क्योंकि ऐसी दिव्य आत्मा सदियों में जन्म  लेती हैं जिस व्यक्ति अहिंसा सादापन दया भावना एवं परोपकार के लिए  पूरी दुनिया नतमस्तक  थी और है पूर्व में उस समय के इंग्लैंड के प्रधान मंत्री ब्रिस्टल  चर्चील ने इंग्लैंड की महारानी द्वारा आमंत्रित किए गए भोज में महात्मा गांधी के लिबास को देख कर कहा था की आनेे वाली पीढ़ियांं आश्चर्य करेंगी कि ऐसा व्यक्ति भी इस दुनिया में पूर्व में  हुआ होगा अब सवाल ये उठता हैैैै कि क्या कारण है कि वर्तमान  मैं लोग इतने  ज्यादा हिंसक कैसे हो गए की आपसी बातचीत से लेकर सोशल मीडिया तक मैं गालियों से बात करने लगे और हर तर्क वितर्क की बात पर उग्र हो जाते है पहले तो हमारा देश व समाज ऐसा नहीं था 🎯🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳✍awaj ngo 

विश्व की कुछ घटनाएं जो कि कुछ लोगों को पहले से ही पता चल जाती हैं जिनमे रूस में आया भूकंप भी

पूर्वानुमान, सपने और आध्यात्मिक दृष्टिकोण: एक सिमुलेटेड विश्व का रहस्य ...