सोमवार, 12 अप्रैल 2021

आम जनमानस के लिए नासूर बन चुकी दवा कंपनियों की कमीशन खोरी की इस व्यवस्था को बदलने की अति आवश्यकता है


 🤔आखिर कब तक चलेगी देश में इस प्रकार की लूट भ्रष्टाचार मिटाने की बाते तो बड़े-बड़े  मंचों लाल किले संसद भवन से की जाती है लेकिन वास्तविक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में सबसे बड़ा योगदान उन्हीं लोगों का है जो इस प्रकार के लूट का खसोट  षड्यंत्रकारी कार्य कराने में बड़ी-बड़ी कंपनियां का सहयोग करते हैं आज भारत देश में चिकित्सा पद्धति पूरी तरीके से व्यापार बन चुकी है जो डॉक्टर दवा कंपनी  भगवान का रूप  माने जाते थे वह साक्षात मौत के सौदागर बन गए हैं लोग जानते हुए भी कि सामने वाला हमें लूटने के लिए बैठा है फिर भी लूटने के लिए मजबूर है दवा कंपनियों की लूट का आलम यह है कि किसी दवाई का मूल्य उसके तय मूल्य से हजार गुना से भी अधिक बढ़ाया जा सकता है जो दवा कंपनियों की इस कमीशन खोरी को जानता है वह तो रेट कम करा लेता है लेकिन जो गरीब आम व्यक्ति है वह हमेशा कथित लूट का शिकार होते हैं अब सवाल यह है हमेशा आम जन हित की बात करने वाली सरकारे कई दशकों बाद भी जन हित में अंतर्राष्ट्रीय दवा कंपनियों के इस मायाजाल को तोड़ने के लिए विशेष कानून लाकर नीति निर्धारण करके एक सीमित मार्जन पर दवाइयां बेचने के लिए दवा कंपनियों को कानूनी रूप से बाध्य क्यों नहीं करती सोचने का विषय है 🎯 ✍️ आवाज एक सच्चाई की

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