शनिवार, 24 अप्रैल 2021

भारत में कोरोना वायरस महामारी को चरम पर पहुंचने में आखिर गलती किसकी है

 


कहते हैं कि #बेवकूफ और #बहादुर  में नाम मात्र का फर्क होता है कामयाब हुए तो बहादुर वरना बेवकूफी कहा जाएगा वर्तमान समय में जिस हालात से हमारा देश गुजर रहा है उसमें सबसे बड़ी जिम्मेवार हमारे देश की सरकार की विदेश नीति एवं आम लोगों की लापरवाही नीतिया हैं क्योंकि लगभग एक साल पहले हम लोग पूरे विश्व मैं #कोरोनावायरस महामारी के विकराल रूप को देखकर बड़े-बड़े देशों को बेवकूफ समझ रहे थे अपने आप को हार्ड ह्यूमैनिटी पावर का स्वयंभू स्वामी समझ रहे थे विश्व बैंक एवं विश्व हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ बड़े-बड़े देशों ने भारत के लिए अनेक घोषणा पहले से कर दी थी कि कोरोनावायरस महामारी सबसे ज्यादा तबाही भारत जैसे विकासशील देश में मचाएगी जिसमें लगभग 20 लाख लोगों के संक्रमण से मौतों  की संभावना व्यक्त की थी जिसके बचाव एवं आपातकालीन व्यवस्था की तैयारी के लिए उन्होंने भारत को लाखों करोड़ों डॉलर का कर्ज एवं सहायता दी जो प्लान और टारगेट के हिसाब से 2024 तक पूरे भारत में जन जागरूकता अभियान सुरक्षा समय-समय पर लॉकडाउन वैक्सीनेशन प्रोग्राम बड़े-बड़े हॉस्पिटल एवं चिकित्सक सामग्री तैयार करने के लिए थे लेकिन कुछ कारणवश पिछले वर्ष वह वायरस इतना प्रभावी नहीं हुआ जिस कारण यहां की सरकार एवं लोग पूरी तरीके से लापरवाह हो गए और अपने आपको  कोरोना वायरस महामारी से जंग में खुद विजेता घोषित कर दिया और जितने भी देश के संसाधन थे दानवीर बन कर विभिन्न देशों में बेचना और बांटना चालू कर दिया इतने बड़े देश की जरूरतों को अनदेखा कर देश में बनी वैक्सीन को अनेक देशों में वितरित करना एवं भारी मात्रा में विभिन्न देशों को बिन मांगे राहत सामग्री पहुंचा कर अपने आप को तीस मारखा साबित करने की कोशिश की गई वर्तमान समय में जब कोरोनावायरस महामारी हमारे देश में चरम पर है और पूरा चिकित्सा तंत्र छिन्न-भिन्न होने की कगार पर है देश के हर कोने में त्राहि-त्राहि मची हुई है दवाओं की कालाबाजारी ऑक्सीजन की किल्लत और श्मशान में जलती लाशों के बीच कुछ  अमेरिका जैसे एहसान फरामोश देशों द्वारा भारत को वैक्सीन बनाने में इस्तेमाल होने वाले स्पेशल सॉल्ट एवं मेडिकल सामग्री को देने से स्पष्ट मना कर दिया जो भारत अपने आप को दानवीर कहकर दोनों हाथों से अपने संसाधन दुनिया भर के देशों पर लुटा रहा था उस विशाल देश को मदद के समय कोई भी बड़ा देश सामने नहीं आ रहा क्योंकि वर्ल्ड बैंक और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने स्पष्ट दो टूक कहा कि भारत की अंदरूनी राजनीतिक नीतियों के कारण बड़ी लापरवाही एवं फंड का सही से इस्तेमाल नहीं किया है एवं विशेष निर्देश देने के बाद भी राजनीतिक चुनाव धार्मिक आयोजन पर लगाम नहीं लगाई गई अब ऐसे समय में दोष किसको दिया जाए जान है तो जहान है अपने देश के लोग खुशी हो तभी देश महान है 🎯

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