शनिवार, 24 मई 2025

विश्व के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान की तुलना भारत ने किसे चुना

भारत की Su-57 डील बनाम F-35

भारत ने Su-57 को चुना: F-35 को ठुकराने के पीछे की रणनीति

भारत-रूस रक्षा सहयोग का एक नया अध्याय

पृष्ठभूमि

हाल ही में यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि भारत ने अमेरिका के F-35 के स्थान पर रूस के Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट को चुन लिया है। हालांकि इस डील की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई सूत्रों में इसकी गंभीर चर्चा चल रही है।

Su-57 बनाम F-35: तकनीकी तुलना

विशेषता Su-57 (रूस) F-35 (अमेरिका)
निर्माता सुखोई (रोसोबोरोनएक्सपोर्ट) लॉकहीड मार्टिन
पीढ़ी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर
प्रति यूनिट लागत $35-75M (भारत में उत्पादन पर $60-75M) $78-110M
स्पीड 2600 किमी/घंटा (मैक 2.0) 1930 किमी/घंटा (मैक 1.6)
रेंज 3500 किमी (4500 किमी तक) 2200+ किमी
स्टील्थ क्षमता अच्छी (F-35 से कम) बेहतर, RCS बहुत कम
हथियार 12 पॉइंट्स, R-37M मिसाइल 6 पॉइंट्स, मल्टी-रोल मिसाइलें
इंजन सैटर्न AL-41F1 F135 (प्रैट एंड व्हिटनी)
रडार/सेंसर उन्नत, सीमित नेटवर्क इंटीग्रेशन AN/APG-81 AESA रडार
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हाँ (भारत में उत्पादन संभव) नहीं
रखरखाव लागत कम बहुत अधिक
परिचालन अनुभव सीमित विस्तृत

भारत के लिए Su-57 क्यों बेहतर विकल्प?

  • मेक इन इंडिया: स्थानीय निर्माण और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की सुविधा
  • लागत: प्रति यूनिट लागत F-35 से कम
  • रणनीतिक स्वायत्तता: रूस के साथ गैर-नियंत्रणकारी सहयोग
  • Su-30MKI अनुभव: रूसी तकनीक में पहले से दक्षता
  • AMCA विकास में मदद: स्वदेशी परियोजना में तकनीकी सहायता

निष्कर्ष

Su-57 की पसंद भारत की रणनीतिक सोच, लागत-लाभ विश्लेषण और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य का प्रतिबिंब हो सकती है। हालांकि, F-35 अपनी अत्याधुनिक तकनीक के कारण श्रेष्ठ है, लेकिन भारत की ज़रूरतें और भू-राजनीतिक प्राथमिकताएं Su-57 को एक व्यावहारिक विकल्प बनाती हैं।

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