क्रिप्टोकरेंसी: भविष्य की मुद्रा पर विशेष ब्लॉग
🔷 बिटकॉइन ने पार किया ₹1,10,000 का आंकड़ा
🔷 बिटकॉइन की शुरुआत
बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी, जिसे "सातोशी नाकामोतो" नामक एक अनाम व्यक्ति या समूह ने बनाया था। इसका उद्देश्य था एक ऐसी मुद्रा बनाना जो किसी भी सरकारी या वित्तीय संस्था से स्वतंत्र हो।
🔷 विश्वभर में क्रिप्टो सिस्टम
वर्तमान में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज़ को कई देशों में डिजिटल संपत्ति के रूप में मान्यता दी गई है। एक्सचेंज, वॉलेट और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से यह ग्लोबली उपयोग में ली जा रही हैं।
🔷 भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
भारत सरकार ने अभी तक क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा नहीं माना है, लेकिन इसे एक एसेट क्लास के रूप में टैक्स के दायरे में लाया गया है। युवाओं में इसका आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है।
🔷 क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार
- बिटकॉइन (Bitcoin)
- एथेरियम (Ethereum)
- रिपल (Ripple)
- लाइटकॉइन (Litecoin)
- डॉजकॉइन (Dogecoin)
- सोलाना (Solana)
2025 तक विश्वभर में 10,000+ क्रिप्टोकरेंसीज़ अस्तित्व में हैं।
🔷 भविष्य में क्रिप्टो का स्कोप
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, डिजिटल आइडेंटिटी, और वेब 3.0 से जुड़ा है। यह वित्तीय स्वतंत्रता, तेज ट्रांजेक्शन और लो-फीस के कारण आने वाले समय में और प्रासंगिक होगा।
🔷 निवेशकों का झुकाव
कुछ निवेशक इसे शॉर्ट टर्म में ट्रेडिंग के लिए उपयोग करते हैं, वहीं कई निवेशक इसे लॉन्ग टर्म संपत्ति के रूप में देखते हैं। रिस्क फैक्टर अधिक होने के बावजूद युवाओं का रुझान बढ़ता जा रहा है।
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