बुधवार, 18 सितंबर 2019

केंद्रीय कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस गत वर्षो की भांति मात्र ₹17951 ही मिलेगा

देश में प्रत्येक वर्ष केंद्रीय कर्मचारियों को दीपावली  एवं दुर्गा पूजा का बोनस दिया जाता है सरकारें बोनस देने के  पूर्व से ही इसका प्रचार करने लगती है कि केंद्रीय कर्मचारियों को विशेष सौगात वर्तमान में लगभग  78 दिन का बोनस दिए जाने की घोषणा की गई एवं समाचार पत्रों के माध्यम से बताया गया कि इस बोनस देने पर सरकार को 2024 करोड़  रुपए का बोझ पड़ेगा आपको बता दें कि 78 दिन का बोनस का मतलब यह नहीं कि ढाई महीने की   सैलरी मिलेगी क्योंकि आम लोगों को लगता है कि सरकार द्वारा फ्री में इन कर्मचारियों को लगभग ढाई महीने की सैलरी दी जाएगी ऐसा बिल्कुल नहीं है केंद्रीय कर्मचारियों को लगभग 17951  रुपए दिए जाएंगे जो ऊंट के मुंह में जीरा है इससे ज्यादा बोनस तो कई प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को देती हैं आप सभी को स्पष्ट कर दूं कि बोनस पीएलबी के आधार पर किया जाता है  यह मूल वेतन की सीलिंग होती है
इसकी अनुसार ही वेतन का निर्धारण होता है छठे वेतन अनुसार पीएलवी ₹7000 थी  लेकिन सातवें वेतन के अनुसार पीएलबी लगभग ₹18000 होनी चाहिए  लेकिन वर्तमान सरकार 3 वर्ष से छठे वेतन  आयोग  के अनुसार 7000 पीएलबी पर 78 दिन का बोनस मिलाकर लगभग ₹17951 दे रही है लेकिन प्रचार किया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन  के रूप में  बोनस दिया जा रहा है  औसत वेतन को मानकर चलें तो प्रत्येक कर्मचारी का लगभग 50,000 जो कि 78 दिनों के हिसाब से लगभग सवा लाख रुपए होता है यह देना सरकार के लिए असंभव है लेकिन मीडिया के माध्यम से आम जनता में इस प्रकार से प्रोपेगेंडा चलाया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को आम व्यक्तियों को बोनस के विषय में समझाना समझाना कठिन हो जाता है एवं बहस के बाद हकीकत जानने पर आम लोगों एवं रिश्तेदारों को शर्मसार होना पड़ता है मीडिया वाले भी समाचार पत्रों के हेडलाइंस ऐसी बनाते हैं कि लोग भी कंफ्यूज हो जाते हैं जिससे जनता में केंद्रीय कर्मचारियों के प्रति एक गलत संदेश जाता है आप सभी कर्मचारियों से निवेदन है कि लोगों को बोनस के विषय में जागरूक करें एवं मीडिया एवं सरकार से निवेदन है कि सीधी सीधी बात लोगों को बताएं सरकार पर खजाने पर बोझ का क्या मतलब हुआ क्योंकि जो केंद्रीय कर्मचारियों की राज्य कर्मचारियों बोनस दिया जाता है कर्मचारी उसे त्योहारों पर बाजारों में दिल खोलकर खर्च करते हैं इसके कारण देश की जो आर्थिक मंदी होती है वह खत्म हो जाती है और बाजारों में रौनक आ जाती जहां एक ओर सरकार आर्थिक मंदी दूर करने के लिए आईटी उद्योग बैंकिंग क्षेत्र से लेकर तमाम प्रकार के उद्योगों को राहत पैकेज दे रही वहीं कर्मचारियों के हकों में कटौती की जा रही है यह समझ से परे है  ✍✍🔊💰🛠🛠🛠🛠🙈🙉🙊🙏🙏🙏

शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

10 घंटे में गाड़ी खड़ी करने का दुष्परिणाम जाना था लखनऊ पहुंच गए पनकी धाम

 रेलवे में लोको पायलट सहायक लोको पायलट एवं गार्ड की दयनीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है तमाम प्रकार के आदेशों एवं कानूनों को दरकिनार करके 10 घंटे से अधिक ड्यूटी शाम दंड भेद अपनाकर कराया जाना आम बात है ताजी घटना लखनऊ डिवीजन के लखनऊ यार्ड लॉबी की है जहां पर लोको पायलट सहायक लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट को अंडर अरेस्ट में ड्यूटी लगाई गई   लोको पायलट सहायक लोको पायलट एवं गार्ड द्वारा 1 -9- 2019 को 11:00 बजे साइन on किया गया ड्यूटी के  लखनऊ यार्ड मैं ही 4 घंटे होने के उपरांत लोको पायलट द्वारा लिखित मेमो उस समय क्रू कंट्रोलर को देकर  जिसमें 4 घंटे होने के बाद यार्ड ऑफ कराने के लिए मेमो दिया लेकिन क्रू कंट्रोलर द्वारा हंस के मेमो को एक तरफ रखकर कहा कि लखनऊ में  कभी यार्ड ऑफ  होता है  लिखित में रिसीविंग देते हुए  जहां आपके 10 घंटे हो वहां गाड़ी खड़ी कर दीजिएगा मेमो देने के तुरंत ही कंट्रोल द्वारा सिग्नल ऑफ करके गाड़ी को चलाया गया यार्ड में ही 4 घंटे होने के उपरांत चली गाड़ी सोनिक में जाकर खड़ी हो गई वहां पर ड्यूटी के लगभग साडे 10 घंटे होने के उपरांत  लोको पायलट  जो  की धार्मिक स्वभाव ईमानदारी एवं गुरु ईमानदारी एवं गुरू भक्ति एवं शोले फिल्म के  विलन के नाम से मिलते जुलते  नाम से पूरे लखनऊ मैं जाने जाते हैं   उन्होंने सोनिक स्टेशन   के स्टेशन मास्टर को अवगत करा दिया के आगे अगले स्टेशन पर कुरु ड्यूटी टाइम पूरा होने के कारण गाड़ी को खड़ा करेगा यह आप अगले स्टेशन मास्टर को अवगत करा दीजिए लेकिन जैसे ही गाड़ी अगले स्टॉपेज उन्नाव पहुंची तो वहां पहले से ही  आगे के सभी सिग्नल ग्रीन कर रखे थे  उन्नाव पहुंचते ही 10 घंटे से अधिक होने के कारण लोको पायलट द्वारा 1 दिन पूर्व की लॉन्ग ड्यूटी शारीरिक दुर्बलता का हवाला देकर 10 घंटे से अधिक  ड्यूटी ना कर पाने के कारण गाड़ी को आगे ले जाने में असमर्थता व्यक्त कर दी उसके बाद स्टेशन मास्टर द्वारा तमाम प्रकार का दबाव एवं कंट्रोल की धमकियां दी गई उसके उपरांत कंट्रोल से लेकर तमाम लोगों द्वारा दबाव बनाया गया लेकिन लोको पायलट ने 10 घंटे से अधिक नियम विरुद्ध सुरक्षा एवं संरक्षण की अनदेखी करने से स्पष्ट इनकार कर दिया जब सभी तरीके से संचालन मंडल गाड़ी ना चलवा सका तो लोको पायलट सहायक लोको पायलट एवं  गुड्स गार्ड को लिखित में   देकर अदर्स हेड क्वार्टर के जीएमसी  में बैलेंस इन करने का मेमो पकड़ा दिया और कंट्रोल के सख्त आदेश का हवाला दिया गया एवं जिस गाड़ी से भेजने का आदेश दिया उस पर लोको पायलट द्वारा स्टेशन मास्टर को मेमो दिया गया है कि इस गाड़ी का स्टॉपेज कानपुर के बाद सीधे दिल्ली है अगर यह गाड़ी  जीएमसी यार्ड में नहीं रुकती तो उसका जिम्मेवार  रेल प्रशासन होगा उसके बाद भी सेक्शन कंट्रोल ने बात को हल्के से ले लिया और उन्होंने कहा कि हां गाड़ी  जीएमसी में रुकआई जाएगी  लगभग 12 घंटे के बाद जैसे ही कुरु जीएमसी जाने के लिए इस गाड़ी में बैठा जीएमसी पहुंचने के उपरांत भी जब गाड़ी नहीं रोकी और आगे बढ़ गई तो इस घटना के बारे में लोको पायलट एवं  गुड्स गार्ड द्वारा सभी को अवगत कराया गया लेकिन लखनऊ डिप्टी और कानपुर डिप्टी एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकते नजर आए कि जीएमसी डिप्टी द्वारा कहा गया कि हमें  गाड़ी रुकवाने के लिए नहीं बताया  और लखनऊ डिप्टी द्वारा कहा गया कि हमने  अवगत करा दिया था  अधिकारियों के गैर जिम्मेवार   व्यवहार से दुखी होकर लोको पायलट द्वारा कंट्रोल को अवगत कराया कि पूरे  कुरु के साथ अगले स्टॉपेज दिल्ली जाकर वह अब सीधे जीएम से ही शोषण की शिकायत कर कर आएंगे और संबंधित लोगों को  भविष्य मैं रनिंग का इस तरीके से शोषण करने पर सबक मिलेगा  इसके बाद डिप्टी जीएमसी द्वारा आनन-फानन में ग्रीन सिग्नल पर अगले स्टॉपेज पनकी धाम में गाड़ी को रुकवाया गया एवं कुरु से पनकी धाम में उतर कर वापस लखनऊ जाने के लिए  निवेदन किया और डाउन की गाड़ी रुकवा कर उस में बैठने के लिए कहा गया लेकिन लोको पायलट द्वारा लिखित मेमो का हवाला देते हुए जीएमसी में ही बैलेंस इन करने की बात कहकर लगभग साढे 14 घंटे बाद अपनी ड्यूटी जीएमसी गुड्स लॉबी में खत्म की रात्रि के लगभग 1:30 बजे ड्यूटी ऑफ होने के उपरांत जीएमसी रनिंग रूम में पहुंचने के बाद भोजन पानी का राशन भी ना मिल सका इस कारण  लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट को को भूखे पेट ही सोना पड़ा उसके मात्र 6 घंटे बाद पुनः गाड़ी लगने के बाद लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट जीएमसी में ऑन ड्यूटी करके  वापस लगभग 8:30 घंटे की ड्यूटी करके गाड़ी लेकर लखनऊ वापस आया

बुधवार, 11 सितंबर 2019

लखनऊ डिवीजन के रेलवे गार्डों द्वारा बैठक कर की ओवरटाइम देने की मांग


  • @लखनऊ@ ऑल इंडिया रेलवे गार्ड  काउंसिल लखनऊ के तत्वाधान में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें जिसमें प्रमुख रूप से रेलवे गार्ड  से   डब्ल्यू एम आई  बने गार्ड श्री आशीष सागर जी को बधाई देकर सभी गार्ड द्वारा द्वारा हर्ष प्रकट किया गया वही सभी गार्ड यूनियन पदाधिकारियों सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लखनऊ डिवीजन मैं गार्डों के ओवरटाइम के संबंध में शीघ्र ही अधिकारियों से मिलकर उचित निर्णय लिया जाएगा एवं सभी गार्डों  को ओवरटाइम भरकर संबंधित बाबू को जमा करने का दिशा निर्देश दिया गया एवं इस विषय में पूर्व में संबंधित अधिकारी से मिलकर की गई परिचर्चा के बारे में अवगत कराया बता दें कि लखनऊ  डिवीजन में गार्डों को ओवरटाइम अभी नहीं मिल पा रहा है एवं ओवरटाइम के लिए गार्डों को पूरी डिटेल भरकर बाबू को जमा करनी पड़ती है उसके विपरीत लखनऊ में लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलटों को ओवरटाइम  सीएमएस कंप्यूटर वाली माइलेज सीट पर ही दे दिया जाता है जिसमें समय की बचत एवं निष्पक्षता बनी रहती है गार्ड कौंसिल द्वारा संबंधित उच्च अधिकारियों से मांग की गई कि गुड्स गार्डों  को भी सीएमएस माइलेज सीट के आधार पर ओवरटाइम  दिलाया जाए जिससे समस्त लखनऊ डिवीजन के गुड्स गार्ड मेल पैसेंजर गार्ड पूरे जोश एवं उर्जा से रेल कार्य मैं अपनी सहभागिता निभाकर लखनऊ डिवीजन को भारतीय रेलवे का सबसे अधिक आय वाला डिवीजन बनाने के लिए कार्य कर सकें ! इस  कार्यक्रम की अध्यक्षता आशीष कुमार सागर जी द्वारा एवं संचालन ओमप्रकाश कुशवाहा जी द्वारा किया गया इस अवसर पर  शुभेंदु मिश्रा आशु शर्मा सुनील गुप्ता अभय  पांडे  प्रवेश कुमार शकील अहमद राम नारायण बाजपेई दुष्यंत शर्मा आलोक आलोक कुमार  बृजेश कुमार राम लाहोड़ी मीणा उपस्थित रहे

विश्व की कुछ घटनाएं जो कि कुछ लोगों को पहले से ही पता चल जाती हैं जिनमे रूस में आया भूकंप भी

पूर्वानुमान, सपने और आध्यात्मिक दृष्टिकोण: एक सिमुलेटेड विश्व का रहस्य ...