इसकी अनुसार ही वेतन का निर्धारण होता है छठे वेतन अनुसार पीएलवी ₹7000 थी लेकिन सातवें वेतन के अनुसार पीएलबी लगभग ₹18000 होनी चाहिए लेकिन वर्तमान सरकार 3 वर्ष से छठे वेतन आयोग के अनुसार 7000 पीएलबी पर 78 दिन का बोनस मिलाकर लगभग ₹17951 दे रही है लेकिन प्रचार किया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के रूप में बोनस दिया जा रहा है औसत वेतन को मानकर चलें तो प्रत्येक कर्मचारी का लगभग 50,000 जो कि 78 दिनों के हिसाब से लगभग सवा लाख रुपए होता है यह देना सरकार के लिए असंभव है लेकिन मीडिया के माध्यम से आम जनता में इस प्रकार से प्रोपेगेंडा चलाया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को आम व्यक्तियों को बोनस के विषय में समझाना समझाना कठिन हो जाता है एवं बहस के बाद हकीकत जानने पर आम लोगों एवं रिश्तेदारों को शर्मसार होना पड़ता है मीडिया वाले भी समाचार पत्रों के हेडलाइंस ऐसी बनाते हैं कि लोग भी कंफ्यूज हो जाते हैं जिससे जनता में केंद्रीय कर्मचारियों के प्रति एक गलत संदेश जाता है आप सभी कर्मचारियों से निवेदन है कि लोगों को बोनस के विषय में जागरूक करें एवं मीडिया एवं सरकार से निवेदन है कि सीधी सीधी बात लोगों को बताएं सरकार पर खजाने पर बोझ का क्या मतलब हुआ क्योंकि जो केंद्रीय कर्मचारियों की राज्य कर्मचारियों बोनस दिया जाता है कर्मचारी उसे त्योहारों पर बाजारों में दिल खोलकर खर्च करते हैं इसके कारण देश की जो आर्थिक मंदी होती है वह खत्म हो जाती है और बाजारों में रौनक आ जाती जहां एक ओर सरकार आर्थिक मंदी दूर करने के लिए आईटी उद्योग बैंकिंग क्षेत्र से लेकर तमाम प्रकार के उद्योगों को राहत पैकेज दे रही वहीं कर्मचारियों के हकों में कटौती की जा रही है यह समझ से परे है ✍✍🔊💰🛠🛠🛠🛠🙈🙉🙊🙏🙏🙏
बुधवार, 18 सितंबर 2019
केंद्रीय कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस गत वर्षो की भांति मात्र ₹17951 ही मिलेगा
इसकी अनुसार ही वेतन का निर्धारण होता है छठे वेतन अनुसार पीएलवी ₹7000 थी लेकिन सातवें वेतन के अनुसार पीएलबी लगभग ₹18000 होनी चाहिए लेकिन वर्तमान सरकार 3 वर्ष से छठे वेतन आयोग के अनुसार 7000 पीएलबी पर 78 दिन का बोनस मिलाकर लगभग ₹17951 दे रही है लेकिन प्रचार किया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के रूप में बोनस दिया जा रहा है औसत वेतन को मानकर चलें तो प्रत्येक कर्मचारी का लगभग 50,000 जो कि 78 दिनों के हिसाब से लगभग सवा लाख रुपए होता है यह देना सरकार के लिए असंभव है लेकिन मीडिया के माध्यम से आम जनता में इस प्रकार से प्रोपेगेंडा चलाया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों को आम व्यक्तियों को बोनस के विषय में समझाना समझाना कठिन हो जाता है एवं बहस के बाद हकीकत जानने पर आम लोगों एवं रिश्तेदारों को शर्मसार होना पड़ता है मीडिया वाले भी समाचार पत्रों के हेडलाइंस ऐसी बनाते हैं कि लोग भी कंफ्यूज हो जाते हैं जिससे जनता में केंद्रीय कर्मचारियों के प्रति एक गलत संदेश जाता है आप सभी कर्मचारियों से निवेदन है कि लोगों को बोनस के विषय में जागरूक करें एवं मीडिया एवं सरकार से निवेदन है कि सीधी सीधी बात लोगों को बताएं सरकार पर खजाने पर बोझ का क्या मतलब हुआ क्योंकि जो केंद्रीय कर्मचारियों की राज्य कर्मचारियों बोनस दिया जाता है कर्मचारी उसे त्योहारों पर बाजारों में दिल खोलकर खर्च करते हैं इसके कारण देश की जो आर्थिक मंदी होती है वह खत्म हो जाती है और बाजारों में रौनक आ जाती जहां एक ओर सरकार आर्थिक मंदी दूर करने के लिए आईटी उद्योग बैंकिंग क्षेत्र से लेकर तमाम प्रकार के उद्योगों को राहत पैकेज दे रही वहीं कर्मचारियों के हकों में कटौती की जा रही है यह समझ से परे है ✍✍🔊💰🛠🛠🛠🛠🙈🙉🙊🙏🙏🙏
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