शनिवार, 30 मई 2020
शुक्रवार, 29 मई 2020
सहारा 🇮🇳इंडिया परिवार यदि भारत है तुम्हारा तो ₹ पैसा दे दो अब 😷हमारा 👳मेरा मुझ को अर्पण क्या 🙏लागे तेरा 👩🎓वित्त मंत्री एवं सेवी से 👩👩👧👧अनुरोध है 🙏मेरा ना रखो दिया तले अंधेरा🌚
🎭 विश्व भर में फैली🐉कोरोना वायरस महामारी के कारण 60 दिन से अधिक समय तक देश बंद होने से उपजे आर्थिक सुनामी ने पूरी तरह भारतीय परिवारों की आर्थिक स्थिति को तोड़ कर रख दिया है पूरे देश में लोगों के पलायन एवं रोजगार खत्म होने के कारण आने वाले समय में लोगों को एक एक रुपए के लिए पूरी तरह से सरकार एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं साहूकारों के सामने हाथ फैलाने की नौबत आ गई है यह वही देश के नागरिक हैं जिन्होंने अपने खून पसीने और मेहनत से देश की प्रगति में अमूल्य योगदान किया है देश का किसान आज पूरे देश का पेट भरने की दम रखता था लेकिन वर्तमान में बढ़ रहा विदेशी टिडियो दल के समूहों का खतरा उन किसानों के साथ पूरे देश की खाद्य समस्या के भविष्य को लेकर एक डरावनी तस्वीर खींच रहा है इन सभी प्राकृतिक घटनाओं से उपजी बेरोजगारी कहीं ना कहीं देश का गरीब मजदूर एवं मध्यवर्गीय परिवार के साथ उद्योग धंधे पूरी तरह से तबाह होते जा रहे है पक्ष विपक्ष तमाम घटनाक्रम में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है विपक्ष सत्ता पक्ष पर लोगों के खातों में डायरेक्ट पैसे डालने की मांग कर रहा है वही सत्ता पक्ष विपक्ष द्वारा कार्यों में रोड़े अटकाने का आरोप लगा रहा है लेकिन गरीब को नहीं पता कौन सही कौन गलत है उसे तो इतना पता कैसे ना कैसे उसे तुरंत राहत पहुंचाई जा सके तुरंत राहत पहुंचाने के लिए सरकार के पास अनेकों रास्ते हैं वर्तमान में लगभग देश के 2 करोड़ से अधिक लोग देश में काम कर रहे सहारा इंडिया परिवार एवं पल्स ग्रीन जैसी तमाम कंपनियों में अपना निवेश करके अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं उनकी खून पसीने की कमाई का जिसका वह इस बुरे वक्त में इस्तेमाल कर सकते थे वह देश की न्याय व्यवस्था एवं सेबी के नियमों के पचड़े में फंस कर रह गई है देश के नागरिक इतने स्वाभिमानी हैं कि इस दुख भरी घड़ी में समस्याओं से त्रस्त होकर जिंदगी से मुक्ति पाने के लिए आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं सहारा इंडिया पल्स ग्रीन जैसी अनेकों कंपनियों के कारण देशभर में करोड़ों लोगों का खुद का पैसा अधर में लटका हुआ है एवं लाखों की संख्या में वह बेरोजगार युवा जो उज्जवल भविष्य के लिए इन कंपनियों के एजेंट बनकर छोटे छोटे लोगों से गलियों गलियों मैं घूम कर निवेश के पैसे इकट्ठे करके इन कंपनियों में लोगों को उज्जवल भविष्य की गारंटी देकर निवेश कराता था उसकी हालत बड़ी दयनीय है सहारा इंडिया परिवार एवं पल्स ग्रीन जैसे बहु क्षेत्रों में कार्य करने वाली कंपनियों द्वारा देश के बड़े बड़े फिल्मी राजनेता अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पत्रकार उद्योग समूह के चेहरों एवं विश्वसनीय लोगों की प्रचारक टीम लगाकर देश के लोगों की देश प्रेम, देश सेवा, देश प्रगति के नाम पर भावनाओं को भड़का कर सब्जबाग दिखाते हुए उनके साथ एक प्रकार से गंभीर ठगी की है लोगों को विश्वास दिलाने के लिए कि आपका निवेश सुरक्षित है सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रमाण पत्र देश के प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनलों से लेकर पत्रिकाओं में आए दिन प्रचारित किए जाते थे एवं देशके ऐसे लोग जो कि पूरे देश भर में प्रतिष्ठा का केंद्र माने जाते हैं वह लगभग सभी चैनलों पर देश के लोगों को भारत है हमारा हम हैं सहारा जैसे नारे दिया करते थे आज उन सभी नारा लगाने वाले लोगों के समूह कहां है जब देश का हर व्यक्ति आर्थिक रूप से परेशान हैं आज सभी लोग जिनकी जमा पूंजी इन कंपनियों में लगी हुई है वह है एक एक रुपए के लिए मोहताज है देश के किसान मजदूर मध्यवर्गीय परिवार बेटी की शादी के लिए संचय करने वाली मां छोटे कामगार छोटे छोटे व्यापारी सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन के कर्मचारी एवं की बेरोजगार युवा रोजगार की आस लगाने वाले एजेंट जिन्होंने जिंदगी भर की जमा पूंजी इन कंपनियों में लगा कर अपने अपने परिवार के लिए खुद ही फांसी का फंदा तैयार कर लिया हैं सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति उस बेरोजगार युवा की है जो इन कंपनियों के एजेंट बनकर आस पास पड़ोस रिश्तेदार आमलोगों को इन कंपनियों की योजना एवं पॉलिसिया बताकर निवेश कराते थे लोगों के तानों एवं दबाव के कारण कई एजेंट आत्महत्या कर चुके हैं कई मानसिक तनाव से जीवन जी रहे हैं वर्तमान में यह सभी लोग देश की प्रमुख संस्था सेबी सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री वित्त मंत्री विपक्ष के नेता एवं तमाम सामाजिक संगठनों से अनुरोध कर रहे हैं कि इनका स्वाभिमान कायम रखने के लिए एवं शीघ्र राहत पहुंचाने के उद्देश्य से इनकी खुद की जमा पूंजी जो विभिन्न कंपनियों में फंसी हुई है उसे अति शीघ्र ही इन्हें वापिस दिलायी जाएआर्थिक समस्या झेल रहे करोड़ों लोगों की शीघ्र निदान दिलाने के लिए हमारे देश के माननीय सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति प्रधानमंत्री वित्त मंत्री कृषि मंत्री आरबीआई गवर्नर सेबी अध्यक्ष योजना आयोग अध्यक्ष सहारा श्री प्रमुख जी को संज्ञान लेना चाहिए कि जो भी अनियमिताये आर्थिक कमियां इन कंपनियों एवं उद्योगपतियों की है उसे शीघ्र ही वीटो पावर एवं 20 लाख करोड़ राहत पैकेज का इस्तेमाल करके हटाया जाए और इन सभी लोगों को इनके अकाउंट में इनका पूरा पैसा वापस दिलाया जाए जो वर्तमान में कई हजार करोड़ रुपए बनता है यह देश के करोड़ों लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी देश हित में छोटा सा प्रयास कृपया सभी लोगों से निवेदन है कि इस मुहिम को आगे बढ़ाएं
बुधवार, 13 मई 2020
आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश को मिला आर्थिक महा केज विश्व आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत
🎭 क्या 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज से आत्मनिर्भर बन पाएगा भारत आज हमारे देश के 🇮🇳 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को संबोधित करते हुए आर्थिक महा पैकेज की घोषणा की गई है जिसमें 20 लाख करोड रुपए के आर्थिक पैकेज जो भारत को आत्मनिर्भर एवं आर्थिक महाशक्ति बनाने के तौर पर दिया जा रहा है जिसकी जानकारी कुछ दिनों में विस्तारपूर्वक दी जाएगी लॉक डाउन 3 के बाद भी देश के विभिन्न क्षेत्रों में लॉक डाउन जारी रहेगा कुछ विशेष शर्तों के साथ कुछ क्षेत्र एवं इकाइयां खुल सकती है एवं लोगों को रोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंस मास्क हैंड वॉश जैसे अनेक कार्यों को अपने जीवन में लंबे समय तक के लिए सम्मिलित करने की आदत डालनी होगी आर्थिक पैकेज की घोषणा भारत द्वारा अन्य देशों की तुलना में कुछ समय लगाने के बाद की गई है इसके पहले विश्व के अनेक देशों ने अपने अपने देश के औद्योगिक क्षेत्रों को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए इस प्रकार के राहत पैकेज की घोषणा कर चुके हैं पूरे विश्व में सबसे अधिक जापान द्वारा लगभग सकल घरेलू उत्पाद का 21.1 प्रतिशत आर्थिक पैकेज के रूप में अपने देशवासियों के लिए दिया है आपको अवगत करा दें कि भारत की 65% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है इस कारण अन्य देशों की तुलना में भारत कुछ हद तक बेरोजगार हो रहे लोगों को मनरेगा जैसी योजनाओं से राहत पहुंचा सकता है एवं भविष्य में कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने एवं चीन से अपना व्यापार समेटकर भारत आने वाली कंपनियों के लिए इस प्रकार के औद्योगिक आर्थिक पैकेज का इस्तेमाल किया जा सकता है बुंदेलखंड बिहार उत्तर प्रदेश झारखंड मध्य प्रदेश राजस्थान विदर्भ छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल जैसे पिछड़े क्षेत्रों को कहीं ना कहीं इस आर्थिक पैकेज से बहुत आशाएं हैं जिस प्रकार पूरे देश भर से मजदूरों को पलायन करना पड़ रहा है उससे देश में यह मांग उठ रही है कि देश के अति पिछड़े एवं बेरोजगार जनसंख्या वाले क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने एवं इन क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने को लेकर इन्हें क्षेत्रों में औद्योगिक स्थापित कराई जाए जिससे भविष्य में इन क्षेत्रों के लोगों को किसी प्रकार के पलायन के लिए मजबूर ना होना पड़े यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भरता योजना के अंतर्गत दिया जा रहा है जिसमें पूर्व में दिए गए एक लाख 70 हजार करोड़ का पैकेज भी शामिल हैं देश के प्रधानमंत्री द्वारा कोरोनावायरस भीषण काल को भारतीयों के लिए 21वीं सदी में आर्थिक निर्भरता एवं विश्व आर्थिक महाशक्ति के लिए बड़ा अवसर जैसा बताया है इस आर्थिक पैकेज का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न देशों से आ रहे आर्थिक निवेश को भारत में अधिक से अधिक कराने के लिए एवं भारत के उद्योगों में नई जान फूंकने के लिए अधिक माना जा रहा है इस आर्थिक महा पैकेज में किन उद्योगों को कितने प्रतिशत बजट किस शर्त एवं नियम के अनुसार आवंटन किए जाएंगे यह तो आने वाले समय में पूरी जानकारी उपलब्ध होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है लेकिन इतना जरूर है कि अन्य देशों द्वारा अपने देश के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के बाद भारत पर भी अपने देश में आर्थिक पैकेज देने के लिए विपक्ष सरकार को लगातार निशाना बना रहा था देश की दिन-प्रतिदिन गिरती हुई आर्थिक स्थिति एवं बेरोजगारी के कारण एकमात्र विकल्प आर्थिक पैकेज की घोषणा सरकार के पास रह गया था यह आर्थिक पैकेज भारत की जीडीपी का लगभग 10% है इस पैकेज की घोषणा के पूर्व देश के विभिन्न राज्यों द्वारा श्रम कानून एवं विदेशी निवेश के लिए अनेकों आर्थिक नियमों बदलाव एवं श्रम संबंधित कानूनों मैं बदलाव किया है जिनसे कहीं ना कहीं देश के मजदूरों के अधिकारों के हनन की संभावना बन रही है चीन द्वारा अपने देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए श्रम कानून को पूरी तरह से खत्म कर दिया था इसके कारण पूरे विश्व में चीन आर्थिक महाशक्ति जरूर बन गया लेकिन आज भी वहां श्रमिक बंधुआ मजदूरों की तरह कार्य करते हैं देश को प्रगति के मार्ग पर फिर से लाने के लिए कुछ वर्षों के लिए श्रम कानून में बदलाव को श्रमिक सहर्ष स्वीकार कर सकते हैं परंतु श्ररम कानू मजदूरों के शोषण का जरिया ना बनाया जाय🙏🙏🙏🙏🙏✍️😷😷😷😷😷😷
शनिवार, 9 मई 2020
एक बगल में 🌝चांद होगा 🛠️एक बगल में 🍪रोटियां @🇮🇳पलायन एक आशा या निराशा
कोरोनावायरस से फैली महामारी के कारण एक और दर्दनाक दुखद मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घटित हुई जिसमें प्रवासी मजदूर लगभग 6 सप्ताह से लॉक डाउन हटने का इंतजार करने के बाद अपने घर पहुंचने की आशा लिए भूखे प्यासे सूखी रोटियां के साथ राज्य एवं केंद्र सरकार के बीच में फिटबॉल बन चुके यह प्रवासी मजदूर सरकारों की लोगों को उनके घरों की ओर भेजने की घोषणा होने के बाद आशा लेकर विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचना शुरू हुए क्योंकि महामारी बंदी के कारण विभिन्न यातायात के साधन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित थे एवं जितनी भी बचत पहुंची थी वह खत्म हो चुकी थी फैक्ट्री के मालिक से लेकर मकान मालिक अपने अपने तरीके से प्रवासी मजदूरों पर पलायन के लिए दबाव बना रहे थे इस कारण विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर अपने परिवार के साथ रेल की पटरी के सहारे बड़े स्टेशनों के लिए निकल पड़े उन्हें आशा थी के वहां से उनके कई सैकड़ों किलोमीटर दूर गांव के लिए ट्रेनों में सरकार उन्हें भेजने की व्यवस्था करगी उन्हें क्या पता था की रेल लाइन पर चलते चलते बुद्ध पूर्णिमा पूनम की यह रात उनके लिए अंतिम रात होगी और मौत मालगाड़ी का रूप बनकर अपने आगोश में ले लेगी
क्योंकि पूरे देश भर के रेलवे द्वारा ऑपरेशन अति शीघ्र चलाया जा रहा है जिसमें सभी गाड़ियां अपनी मानक समय स्पीड यानी के फुल स्पीड में चलाए जा सही हैं इसके लिए विभिन्न रेलवे में पहले से ही दिशा निर्देश दे दिए गए लोको स्पेक्टर इसकी निगरानी कर रहे हैं इसका प्रमुख उद्देश्य सही समय पर राहत सामग्री एवं लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था से है जब गाड़ियां अपनी फुल स्पीड में होती हैं तो हर प्रकार के ब्रेक लगाने के बाद भी गाड़ी को लगभग आधा किलोमीटर से भी अधिक दूरी की आवश्यकता होती है जिससे वह पूर्ण रूप से रोकी जा सके रेलगाड़ी का कोई भी ड्राइवर एवं कर्मचारी कभी नहीं चाहता कि उससे किसी भी प्रकार की घटना घटित हो जिससे उसके दामन पर दाग लगे उसके साथ उसके परिवार एवं समाज के लोगों में उसकी छवि धूमिल हो हर तरीके से बचाने के बाद भी यह दुर्घटना टालने में ट्रेन के ड्राइवर एवं सहायक नाकाम हुए विभिन्न न्यूज़ चैनलों द्वारा एवं सूत्रों द्वारा बताया गया कि सभी मजदूर रेल की पटरी पर सो रहे थे अगर इस प्रकार का साक्ष रेलवे द्वारा संज्ञान लिया जाता है तो उसमें मुआवजे में इन मजदूरों के परिवारों को दिक्कत आ सकती है रेल नियम अनुसार रेलवे ट्रैक पर किसी प्रकार की गतिविधि रेल कानून तोड़ने के रूप में मानी जाती है जिसके लिए रेल लॉ एक्ट मैं विभिन्न प्रकार की कानूनी प्रावधान हैं घटनास्थल पर पड़ी सूखी रोटियां पलायन की मजबूरी को दिखा रहा है
कि लोग 2 जून की रोटी के लिए अपने घर परिवार से हजारों किलोमीटर दूर संघर्ष करते-करते यूं ही मर जाते हैं वही कुछ लोग हजारों करोड़ों रुपए का घोटाला करके जिंदगी मजे से काटते हैं मानवता को शर्मसार कर देने वाली 2 जून रोटी के लिए पलायन उसके बाद संघर्ष करते-करते अपनी जिंदगी को यूं ही लूटा देना जिंदगी कितनी सस्ती होती है ऐसी घटनाओं से मानवता के असंतुलित बेरहम चेहरे नजर आते है लगभग दर्जन लोग मृत्यु एवं गंभीर रूप से घायल हो चुके विभिन्न न्यूज़ चैनल एवं समाचार पत्रों अपने तरीके से अपने आकाओं के अनुसार कवरेज को अंजाम दिया जा रहा है कुछ न्यूज़ चैनल इस घटनाओं को दिखाने की जगह अपना पुराना एजेंडा भारत-पाकिस्तान को दिखाने में कि भारत देगा पाकिस्तान के मौसम की जानकारी मैं लगे हुए हैं प्रत्येक घटना के राज्य सरकार केंद्र सरकार एवं विभिन्न संस्थान इन मजदूरों के लिए मुआवजा की घोषणा करेंगे लेकिन अभी तक के इतिहास से यह कह पाना मुश्किल है कि इन मजदूरों के परिवार तक संवेदना प्रोत्साहन राशि पहुंच पाएगी या नहीं कहीं ना कहीं देशभर में फंसे हुए लोगों मजदूरों तीर्थयात्रियों छात्रों के लिए रणनीति बनाने में सरकार से चूक हुई है लॉक डाउन के शुरुआती चरण में जब विभिन्न देशों में भारतीय लोगों को देश में लाने की बात चली तो विभिन्न प्रकार की एयरलाइंस कंपनी अपने अपने तरीके से घोषणा करने लगे क्या हुआ थे कि विदेशों से लोगों को अपने एयरलाइंस कंपनी द्वारा शीघ्र से शीघ्र भारत में ला सकती हैं लेकिन देश के ही एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक गरीब मजदूरों को पहुंचाने के लिए किसी भी प्रकार की कंपनियों द्वारा घोषणा नहीं की गई विभिन्न प्रकार की ऑफर उपलब्ध कराने वाली एयरलाइंस कंपनियां जो कि मात्र हजार ₹700 में देश के एक कोने से दूसरे कोने की यात्रा करा दिया करती थी अब जब पूरे विश्व में तेल सस्ता है विश्व भर की सभी एयरलाइंस जमीन पर खड़ी हैं और अपने हो रहे घाटे को दिन प्रतिदिन सरकार को बतला कर अपने कर्ज माफी की याचना करने के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए हुए फिर इस भीषण प्राकृतिक महामारी में उन सभी कंपनियों द्वारा अपने आप को अलग करना क्यों उचित समझा वहीं रेल द्वारा भी घोषणा करने के बावजूद लोगों से टिकट के पैसे वसूलने की घटना कहीं ना कहीं देश को दो हिस्सों में बांटने की कोशिश की गई एक अमीरों वाला देश एक गरीब मजदूरों वाला देश उद्योगपतियों का कर्जा माफ या बट्टे खाते में डालने जैसी घटनाएं कहीं ना कहीं उस किसान और मजदूर की जेहन में तीर की तरह चुभ रही है जिसके मात्र पांच ₹10000 के कर्जे के लिए उसकी जमीन और ट्रैक्टर नीलाम किया जाता था विभिन्न प्रकार के औद्योगिक संस्थानों के मालिकों द्वारा अपने पावर का फायदा उठाकर महामारी से बचाव के लिए पलायन कर रहे मजदूरों को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए लेबर कानून को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है कुछ दिन पूर्व एक फैक्ट्री के गैस प्लांट अकेली हो ने के कारण हजारों लोग बीमार पड़ गए लगभग एक दर्जन लोगों की मृत्यु हो गई ऐसी घटनाओं में 4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात 2 दिन मीडिया चिल्लाएगी तीसरे दिन से घटना के साथ सभी मांगो एवं जांचों का वजूद खत्म हो जाता है बीमा कंपनी भी अपने हाथ खड़े कर देती हैं जांच कमेटी भी अपनी रिपोर्ट को फैक्ट्री मालिकों के हिसाब से बना देते हैं देश का क्या होगा यह तो पता नहीं लेकिन शोषण हमेशा गरीब का होता ही रहेगारविवार, 3 मई 2020
@ ना आना अभी हमारे देश# ☠️ दम तोड़ता पर्यटन उद्योग
विश्व भर में महामारी बन के कोरोनावायरस ने पूरे विश्व का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है इसके कारण विश्व भर में खाद्य पदार्थ दवाइयां एवं जरूरी संसाधन के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है आने वाले समय में से भारी आर्थिक उथल-पुथल पूरे विश्व भर में हो सकती है भारत में भी इसका असर व्यापक रूप से देखने को मिलेगा सबसे अधिक भारत के पर्यटन उद्योग की कमर टूटने वाली है क्योंकि प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व भर से देश के पर्यटक स्थलों को देखने के लिए लाखों की संख्या पर्यटक आकर यहां पर लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराते थे पर्यटन उद्योग के लिए बड़े-बड़े उद्योग समूह द्वारा भारी भरकम इन्वेस्ट करके रखा था देश की जहां तक पर्यटन स्थल रेल मार्ग यातायात मार्ग वायु मार्ग से जुड़े हुए हैं विभिन्न लग्जरी वाहनों के साथ विश्वस्तर की डेकोरेट इंपोर्टेड सामानों से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कराया जाता था भारत के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को देखने के लिए पूरे विश्व भर से लोग भारत की ओर खींचे चले आते थे लेकिन वर्तमान में पूर्व विश्व में फैली कोरोनावायरस विचित्र बीमारी के कारण कहीं ना कहीं पूरे विश्व भर के लोगों में दूरियां बढ़ चुकी हैं सोशल डिस्टेंस जैसे शब्द लोगों की दिनचर्या में स्थान बनाने लगे इसके कारण पूरे विश्व भर में लोगों में विश्व पर्यटन के लिए अवधारणाएं पूरी तरह से बदल चुकी हैं आर्थिक महामारी बन के आई यह बीमारी से पूरे विश्व भर में करोड़ों की संख्या में लोगों का रोजगार छिन चुका है लोगों को जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ेगा लाखों की संख्या में विश्व के सबसे बड़ी आर्थिक महा शक्तियों वाले देशों के लोगों की लाखों की संख्या में जान गंवानी पड़ रही है इस स्थिति में भविष्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ने की कल्पना करना सपने जैसा होगा इस उद्योग पर निर्भर लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार होकर कहीं ना कहीं अपने जीवन के लिए संघर्ष करते नजर आएंगे देश के विकास मैं बहुमूल्य योगदान देने वाले पर्यटन उद्योग को औद्योगिक दिशा में मोड़ कर कहीं ना कहीं इसका लाभ उठाया जा सकता है क्योंकि संसाधनों से युक्त पर्यटक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई स्थापित करने में जाना कठिनाइयां नहीं होगी देसी विदेशी निवेश पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा संसाधन युक्त पर्यटक क्षेत्रों में सरकार थोड़े से ही प्रयास में अधिक लाभ उठाकर कहीं ना कहीं लाखों की संख्या में बेरोजगार होने वाले लोगों को राहत प्रदान कर सकती हैं|भारत सरकार के साथ राज्य सरकारों को विशेष कार्य योजना बनाकर आर्थिक पैकेज में इन क्षेत्रों को विशेष महत्त्व देकर अति शीघ्र विश्व भर मैं आर्थिक उथल-पुथल का लाभ उठा सकती हैं
बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित हो सकता है कोरोना वायरस
पूरे विश्व में इतिहास की सबसे बड़ी भयानक महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस से अब तक लाखों की संख्या में लोग अपनी जान गवा बैठे हैं एवं पूरे विश्व भर की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है आज फिर से देशभर में लॉक डाउन को दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया गया है पूरा विश्व भर के देश वर्तमान समय मैं दवा भोजन एवं राहत सामग्री के लिए एक दूसरे देशों के मुंह ताक रहे हैं विश्व भर का एक बड़ा हिस्सा घरों में कैद होकर रह गया इस महामारी के कारण पूरे विश्व भर में व्यापारिक आर्थिक सामाजिक लाभ लेने के कारण कहीं ना कहीं पूरे विश्व भर में चीन देश की छवि एक मौकापरस्त एवं लालची देश की बन चुकी है विश्व के प्रमुख देशों ने चीनी सरकार से कोरोना वायरस के कारण हुए नुकसान का हर्जाना मांगा जा रहा है विश्व में चीन को अलग-थलग करने की विश्व के देशों द्वारा एकजुटता की आशंका जताई जा रही आने वाले समय में चीन में औद्योगिक इकाइयां लगाकर व्यापार कर रही विश्व भर की हजारों कंपनियां अपने व्यापार को उठाकर कहीं दूसरी जगह स्थानांतरित करने के लिए मजबूर हैं विभिन्न आर्थिक महाशक्ति कहलाने वाले देशों ने अपने अपने देश की कंपनियों से चाइना जैसे मौकापरस्त देश से अपने व्यापार को अलग करने के लिए दिशा निर्देश देना चालू कर दिया है विभिन्न देशों द्वारा चीनी निवेश को प्रतिबंधित कर के आने वाले भविष्य में चीन के प्रति किसी प्रकार की रियायत नहीं देने का स्पष्ट संकेत दे दिया हैजिस प्रकार भारत द्वारा विश्वसनीय रूप से पूरे विश्व भर में राहत सामग्री दवाइयां एवं खाद्य पदार्थ भेज कर पूर्व से चली आ रही विश्व बंधुत्व की भावनाओं को बनाए रखा उससे विश्व भर में भारत की छवि एक ईमानदार राष्ट्र के रूप में फिर से उभरी हुई है आने वाले समय में हजारों की संख्या में कंपनियां भारत में उद्योग लगा सकती हैं जिस प्रकार देशभर के बड़े महानगरों से इस महामारी में कामगार मजदूरों का पलायन हुआ एवं अभी भी लाखों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं महानगरों में जनसंख्या घनत्व भी अत्यधिक विस्फोटक रूप तक पहुंच रहा है उससे आने वाले भविष्य में भारत में उद्योगों का विकेंद्रीकरण किया जाएगा जहां श्रमिकों की संख्या एवं भूमि के साथ संसाधन उपलब्ध हो ऐसी जगह औद्योगिक इकाइयां स्थापित कराने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकारें कार्य करेंगे आने वाले समय में देश के सबसे पिछड़े कहलाने वाले
बुंदेलखंड उड़ीसा झारखंड छत्तीसगढ़ पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश से औद्योगिक इकाइयां लगाकर विश्व व्यापार को संतुलन में लाने की कोशिश की जाएगी इस कारण इस क्षेत्र के लोगों के लिए यह महामारी कोरोना जैसीघातक बीमारी भविष्य में वरदान बनकर कार्य कर सकती है आपको बता दें पूरे देश भर में मध्य में स्थित बुंदेलखंड क्षेत्र अत्यधिक पिछड़ा हुआ क्षेत्र है इसकी पिछड़ेपन को अनेकों बार राष्ट्रीय स्तर के नेताओं द्वारा एवं मीडिया के माध्यम से उठाया जा चुका है अनेकों बार पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर विभिन्न प्रकार के आंदोलन होते रहे बुंदेलखंड प्रसिद्ध खजुराहो ओरछा विदेशी पर्यटकों के लिए केंद्र बिंदु बने हुए थे लेकिन कोरोना जैसी बीमारी से अब आने वाले भविष्य में पर्यटन उद्योग फिर से उठ पाएगा यह कहना सही नहीं बुंदेलखंड का यह क्षेत्र पठारी होने के कारण सस्ती श्रम शक्ति भूमि सस्ते संसाधन होने के कारण उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं इस क्षेत्र में आर्मी एवं रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क होने के कारण सुरक्षित एवं संरक्षित है यहां इलेक्ट्रॉनिक फूड इंडस्ट्रीज सोलर एनर्जी खनिज संसाधन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज ग्रेनाइट उद्योग के साथ अनेक प्रकार के औद्योगिक इकाई लगाने के लिए अनुकूल है भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुछ वर्ष पूर्व से यहां पर डिफेंस कॉरिडोर की योजना को लेकर काफी कार्य किए जा रहे हैं अगर डिफेंस कॉरिडोर में विश्व भर की इकाइयों को समायोजित करके एक बड़ी कार योजना स्थापित की जाए तो आने वाले 10 वर्षों में यह पूरा क्षेत्र विश्व भर में उभर कर आ सकता है आपको बता दें यह आगरा भोपाल कोटा इलाहाबाद कानपुर एवं जबलपुर जैसे देश के बड़े शहरों के मध्य बसा हुआ है इनके आसपास खनिज पदार्थों की अपार संपदा छुपी हुई है बुंदेलखंड पूरे देश भर से रेल के माध्यम से जुड़ा हुआ है यहां किसी भी स्थिति में देशभर के किसी भी कोने में 24 घंटों के अंदर जाया जा सकता वर्तमान में मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के मध्य स्थित बुंदेलखंड के लिए अनुकूल स्थिति है क्योंकिकेंद्र एवं मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश तीनों स्थान पर एक ही पार्टी की सरकार है जिस कारण आर्थिक निर्णय लेने में किसी प्रकार की परेशानी की संभावना बेहद कम है भारत सरकार एवं राज्य सरकार से अनुरोध है कि विश्व भर से आने वाले औद्योगिक निवेश मैं बुंदेलखंड को केंद्र में रखकर कार्य योजना बनाई जाए जो भविष्य में देश के साथ पूरे विश्व के लिए हितकर रहेगा क्योंकि यह क्षेत्र पूरी तरह से भूकंप बाढ़ जैसी प्राकृतिक घटनाओं से पूरी तरह से सुरक्षित एवं महफूज है बुंदेलखंड क्षेत्र से जुड़े सभी राजनैतिक आराजनैतिक युवा किसान व्यापारी वकील पत्रकार मजदूर छात्र साथियों से निवेदन है की औद्योगिक विकास एवं इकाई लगाने के लिए एक विशेष मुहिम चलाकर बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को सामने रखकर इस क्षेत्र के विकास के लिए आंकड़े जुटाने की कृपा करें जिससे इस क्षेत्र का भला हो सके हमें पता है कि कोरौना जैसी घातक बीमारी पूरे विश्व के साथ भारत के लिए भी एक चुनौती का विषय है लेकिन हर एक रात के बाद सुबह जरूर होती है आज नहीं तो कल हम सभी इस घातक वायरस से लड़कर इस पर विजय प्राप्त करके रहेंगे |
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