बुधवार, 13 मई 2020

आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश को मिला आर्थिक महा केज विश्व आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत

🎭 क्या 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज से आत्मनिर्भर बन पाएगा भारत आज हमारे देश के  🇮🇳 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को संबोधित करते हुए आर्थिक महा पैकेज की घोषणा की गई है जिसमें 20 लाख करोड रुपए के आर्थिक पैकेज जो भारत को आत्मनिर्भर एवं आर्थिक महाशक्ति बनाने के तौर पर दिया जा रहा है जिसकी  जानकारी  कुछ दिनों में विस्तारपूर्वक दी जाएगी  लॉक डाउन 3 के बाद भी देश के विभिन्न क्षेत्रों में लॉक डाउन जारी रहेगा कुछ विशेष शर्तों के साथ कुछ क्षेत्र एवं इकाइयां खुल सकती है एवं लोगों को रोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंस मास्क हैंड वॉश जैसे अनेक कार्यों को अपने जीवन में लंबे समय तक के लिए सम्मिलित करने की आदत डालनी होगी आर्थिक पैकेज की घोषणा भारत द्वारा अन्य देशों की तुलना में कुछ समय लगाने के बाद की गई है इसके पहले विश्व के अनेक देशों ने अपने अपने देश के औद्योगिक क्षेत्रों को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए इस प्रकार के राहत पैकेज की घोषणा कर चुके हैं पूरे विश्व में सबसे अधिक जापान द्वारा लगभग सकल घरेलू उत्पाद का 21.1 प्रतिशत आर्थिक पैकेज के रूप में अपने देशवासियों के लिए दिया है आपको अवगत करा दें कि भारत की 65% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है इस कारण अन्य देशों की तुलना में भारत कुछ हद तक बेरोजगार हो रहे लोगों को मनरेगा जैसी योजनाओं से राहत पहुंचा सकता है एवं भविष्य में कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने एवं चीन से अपना व्यापार समेटकर भारत  आने वाली कंपनियों  के लिए इस प्रकार के औद्योगिक आर्थिक पैकेज का इस्तेमाल किया जा सकता है बुंदेलखंड बिहार उत्तर प्रदेश झारखंड मध्य प्रदेश राजस्थान विदर्भ छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल जैसे पिछड़े क्षेत्रों को कहीं ना कहीं इस आर्थिक पैकेज से बहुत आशाएं हैं जिस प्रकार पूरे देश भर से मजदूरों को पलायन करना पड़ रहा है उससे देश में यह मांग उठ रही  है कि देश के अति पिछड़े एवं बेरोजगार जनसंख्या वाले क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने एवं इन क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने को लेकर इन्हें क्षेत्रों में औद्योगिक स्थापित कराई जाए  जिससे भविष्य में इन क्षेत्रों के लोगों को किसी प्रकार के पलायन के लिए मजबूर ना होना पड़े यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भरता योजना के अंतर्गत दिया जा रहा है जिसमें पूर्व में दिए गए एक लाख 70 हजार करोड़ का पैकेज भी शामिल हैं देश के प्रधानमंत्री द्वारा कोरोनावायरस भीषण काल को भारतीयों के लिए 21वीं सदी में आर्थिक निर्भरता एवं विश्व आर्थिक महाशक्ति के लिए बड़ा अवसर जैसा बताया है इस आर्थिक पैकेज का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न देशों से आ रहे आर्थिक निवेश को भारत में अधिक से अधिक कराने के लिए एवं भारत के उद्योगों में नई जान फूंकने के लिए अधिक माना जा रहा है इस आर्थिक महा पैकेज में किन उद्योगों को कितने प्रतिशत बजट किस शर्त एवं नियम के अनुसार आवंटन किए जाएंगे यह तो आने वाले समय में पूरी जानकारी उपलब्ध होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है लेकिन इतना जरूर है कि अन्य देशों द्वारा अपने देश के लिए आर्थिक पैकेज  की घोषणा करने के बाद भारत पर भी अपने देश में आर्थिक पैकेज देने के लिए विपक्ष सरकार को लगातार निशाना बना रहा था देश की दिन-प्रतिदिन गिरती हुई आर्थिक स्थिति एवं बेरोजगारी के कारण एकमात्र विकल्प आर्थिक  पैकेज  की घोषणा सरकार के पास रह गया था  यह आर्थिक पैकेज भारत की जीडीपी का लगभग 10% है इस पैकेज की घोषणा के पूर्व देश के विभिन्न राज्यों द्वारा श्रम कानून एवं विदेशी निवेश के लिए अनेकों आर्थिक नियमों बदलाव एवं श्रम संबंधित कानूनों मैं बदलाव किया है जिनसे कहीं ना कहीं देश के मजदूरों के अधिकारों के हनन की संभावना बन रही है चीन द्वारा अपने देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए श्रम कानून को पूरी तरह से खत्म कर दिया था इसके कारण पूरे विश्व में चीन आर्थिक महाशक्ति जरूर बन गया लेकिन आज भी वहां श्रमिक बंधुआ मजदूरों की तरह कार्य करते हैं देश को प्रगति के मार्ग पर फिर से लाने के लिए कुछ वर्षों के लिए श्रम कानून में बदलाव को श्रमिक सहर्ष स्वीकार कर सकते हैं परंतु श्ररम कानू मजदूरों के शोषण का जरिया ना बनाया  जाय🙏🙏🙏🙏🙏✍️😷😷😷😷😷😷

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