शुक्रवार, 21 जून 2019

योग को योग रहने दें सर्कस मत बनने दें

आज पूरे विश्व में विश्व योग दिवस मनाया गया साथियों योग अकेला सर्कस नहीं है यह हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति के ऋषि मुनियों के घोर अनुसंधान से अर्जित की हुई वह निधि है जिसके द्वारा एक साधारण मनुष्य महामानव बन सकता है योग में अकेला हाथ पैर हिलाने से योग पूर्ण नहीं हो जाता योग अनेकों युक्तियों से बना पर पूर्ण एक सिस्टम है जिसमें यम नियम आसन प्राणायाम ध्यान समाधि होते हुए व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करता है वर्तमान में जिस प्रकार से योग का मजाक बनाया जा रहा है वह आने वाले समय में बड़ा ही घातक होगा हां यह अवश्य है कि लोग लाभ लेने से अधिक दिखावा करने में विश्वास कर रहे हैं 1 दिन करने से लाभ की आशा करना बेकार है योग एक निरंतर प्रक्रिया है जो हमें अनेक बरसो करने के बाद चमत्कारिक परिणाम देती है योग की शुरुआत प्राचीन ऋषि पतंजलि द्वारा की गई थी आसन वह प्रक्रिया है जो हमारे संसार में विभिन्न प्रजातियों के जीव जंतुओं द्वारा अपनाई हुई बैठने की प्रक्रिया होती है उसी के लाभ अनुसार हम लोग उन आसन को कॉपी करके लाभ लेने का प्रयास करते हैं योगासन प्राचीन काल से ही लोगों की दुख तकलीफों को दूर करता चला आ रहा है लेकिन कुछ वर्षों में इसका प्रचार प्रसार कर के अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसका व्यवसायीकरण करके करोड़ों अरबों रुपए का व्यवसाय कर चुके हैं फायदा मिला ना मिला यह तो अनुसंधान का विषय है  असली योग का फायदा आपको लेना है तो आपको हिमालय जैसे क्षेत्रों में जाकर वहां पर अनेकों वर्षों से इस पर अनुसंधान कर रहे ऋषि मुनियों का सानिध्य लेना पड़ेगा जो आपको अपने अनुभव खानपान जीवन शैली से पूर्ण योग से अवगत कराएंगे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपका धन्यवाद आपने हमारे ब्लॉग पर टिप्पणी की

विश्व की कुछ घटनाएं जो कि कुछ लोगों को पहले से ही पता चल जाती हैं जिनमे रूस में आया भूकंप भी

पूर्वानुमान, सपने और आध्यात्मिक दृष्टिकोण: एक सिमुलेटेड विश्व का रहस्य ...