सोमवार, 9 जून 2025

विजय माल्या: मैं चोर नहीं हूं 2025 का सनसनीखेज इंटरव्यू और भारतीय राजनीति में तूफान


नौ साल बाद टूटी चुप्पी

विजय माल्या, भारत के एक समय के सबसे चमकते उद्योगपति, जिन्हें किंगफिशर एयरलाइंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए जाना जाता है, ने 6 जून 2025 को राज शमानी के पॉडकास्ट "Figuring Out" में अपनी चुप्पी तोड़ी। यह चार घंटे का इंटरव्यू लंदन में रिकॉर्ड हुआ, जहां माल्या 2016 से रह रहे हैं। इस बातचीत ने न केवल उनकी जिंदगी और कारोबारी सफर पर रोशनी डाली, बल्कि भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया। माल्या ने नौकरशाही, राजनेताओं, और अपनी कानूनी जंग पर खुलकर बात की, जिसने सोशल मीडिया से लेकर संसद तक हलचल मचा दी।


यह इंटरव्यू उनकी जिंदगी का एक ऐसा दस्तावेज है, जो सवाल उठाता है: क्या माल्या वाकई अपराधी हैं, या फिर राजनीति के शिकार? आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

इंटरव्यू की मुख्य बातें

भारत लौटने की शर्त


जब राज शमानी ने पूछा कि क्या माल्या भारत लौटना चाहेंगे, तो उन्होंने साफ कहा, "अगर मुझे निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का भरोसा मिले, तो मैं भारत लौटने पर गंभीरता से विचार करूंगा।" माल्या ने भारत की जेलों की खराब स्थिति का हवाला दिया और कहा कि यह यूरोपियन कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन है, जिसके कारण ब्रिटेन उनकी प्रत्यर्पण याचिका पर विचार कर रहा है।

‘भगोड़ा’ और ‘चोर’ के आरोप


माल्या को अक्सर भगोड़ा और चोर कहा जाता है। इस पर उनका जवाब था, "मुझे भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन चोर नहीं। मैंने बैंकों से 6,203 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन उन्होंने मेरी संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये वसूल लिए।" माल्या का दावा है कि बैंकों ने उनके कर्ज से दोगुनी राशि हासिल की, फिर भी उन्हें अपराधी की तरह पेश किया जा रहा है।

किंगफिशर का पतन और बकाया


किंगफिशर एयरलाइंस की विफलता पर माल्या ने पहली बार सार्वजनिक माफी मांगी। उन्होंने कहा, "मैं अपने कर्मचारियों से माफी मांगता हूं। मैंने उनके बकाया वेतन के लिए 260 करोड़ रुपये देने की कोशिश की, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।" माल्या ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट, ईंधन की बढ़ती कीमतों, और सरकारी नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। किंगफिशर पर कुल 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था, जिसमें कर्मचारियों के वेतन और बैंकों के लोन शामिल थे।

RCB और गर्व का पल


रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की स्थापना और उसकी IPL 2025 की जीत पर माल्या भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि RCB को 111.6 मिलियन डॉलर में खरीदा गया था। "विराट कोहली, क्रिस गेल, और एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ियों को मैंने चुना। RCB की जीत मेरा सपना था, और यह पूरा हुआ," माल्या ने कहा।

नौकरशाही और राजनेताओं पर हमला


माल्या ने भारत की नौकरशाही को बिजनेस के लिए सबसे बड़ा रोड़ा बताया। उन्होंने सनसनीखेज दावा किया कि राजनेताओं ने चुनावों में धन और शराब की मांग की, और उनकी कंपनी ने शराब उपलब्ध कराई। यह बयान भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला सकता है।

प्रत्यर्पण की जंग


माल्या 2016 से ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। 2018 में लंदन की एक अदालत ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, लेकिन अपील के कारण मामला अभी भी लटका हुआ है। माल्या का कहना है कि भारत की जेलों की स्थिति उनके प्रत्यर्पण में सबसे बड़ी बाधा है।

भारतीय राजनीति में भूचाल


माल्या के इंटरव्यू ने भारतीय राजनीति को हिला कर रख दिया। उनका सबसे बड़ा दावा था कि 2 मार्च 2016 को भारत छोड़ने से पहले उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। इस बयान ने विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया।


कांग्रेस ने दावा किया कि माल्या को जानबूझकर "भगाने" में मदद की गई। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि माल्या को संसद में जेटली के साथ बात करते देखा गया था। दूसरी ओर, सत्ताधारी दल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे माल्या की छवि सुधारने की कोशिश बताया। यह विवाद इतना बढ़ा कि संसद से लेकर सोशल मीडिया तक बहस छिड़ गई। सवाल उठ रहे हैं: क्या माल्या को वाकई जाने दिया गया? क्या इस मामले में बड़े नाम शामिल हैं?

सोशल मीडिया पर उबाल

माल्या का इंटरव्यू और RCB की IPL 2025 की जीत सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गई। जहां कुछ लोग माल्या को ट्रोल कर रहे थे, वहीं कुछ उनके समर्थन में उतर आए।

ट्रोलिंग: एक प्रमुख बैंक ने माल्या के RCB जीत के पोस्ट पर जवाब दिया, "भारत आ जाइए, साथ में सेलिब्रेट करेंगे।" कई यूजर्स ने लिखा, "शुभकामनाएं नहीं, पैसे चाहिए।"

समर्थन: कुछ लोगों ने माल्या का पक्ष लिया, यह कहते हुए कि बैंकों ने उनकी संपत्तियों से दोगुनी राशि वसूल ली, फिर भी उन्हें अपराधी बनाया जा रहा है।

विपक्षी आक्रोश: विपक्षी समर्थकों ने सरकार पर "चोरों को छूट" देने का आरोप लगाया।

सत्ताधारी पक्ष: सत्ताधारी समर्थकों ने इसे माल्या की PR रणनीति बताया और सरकार के प्रत्यर्पण प्रयासों का समर्थन किया।

यह बहस माल्या की छवि, सरकार की जवाबदेही, और आर्थिक अपराधों के प्रति जनता के रवैये को उजागर करती है।

क्या माल्या राजनीति के शिकार हैं?


माल्या ने इंटरव्यू में बार-बार दावा किया कि वे राजनीति के शिकार हैं। उनका कहना है कि उनकी छवि को जानबूझकर खराब किया गया। "मैंने जो कर्ज लिया, उससे दोगुना बैंकों ने मेरी संपत्तियों से वसूल लिया। फिर भी मुझे अपराधी बनाया जा रहा है," माल्या ने कहा।

माल्या के समर्थकों का तर्क है कि UPA सरकार के समय लिए गए कर्ज को मौजूदा सरकार ने राजनीतिक हथियार बनाया। उनका कहना है कि माल्या को आर्थिक अपराधों का "पोस्टर बॉय" बनाकर उनकी छवि धूमिल की गई। दूसरी ओर, उनके विरोधी कहते हैं कि माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग और 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज न चुकाने के गंभीर आरोप हैं।

जेटली से मुलाकात का दावा इस बहस को और गहरा करता है। क्या माल्या को जानबूझकर भारत से जाने दिया गया? या यह सिर्फ एक संयोग था? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

क्या है भविष्य?

विजय माल्या का भविष्य अनिश्चित है। उनकी कानूनी जंग अभी भी जारी है, और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में सालों लग सकते हैं। भारत की जेलों की स्थिति और ब्रिटेन की अदालतों में अपील के विकल्प उनके पक्ष में काम कर सकते हैं।

राजनीतिक मोर्चे पर, माल्या के बयान विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच तनाव बढ़ा सकते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी छवि मिश्रित है—कुछ लोग उन्हें एक असफल कारोबारी मानते हैं, तो कुछ उन्हें सिस्टम का शिकार। RCB की जीत ने उन्हें अपनी उपलब्धियों को सामने लाने का मौका दिया, लेकिन उनकी कानूनी और सामाजिक स्थिति अभी भी जटिल है।

निष्कर्ष


विजय माल्या का 6 जून 2025 का इंटरव्यू न केवल उनके निजी और व्यावसायिक जीवन पर रोशनी डालता है, बल्कि भारतीय राजनीति, नौकरशाही, और आर्थिक अपराधों की जटिलताओं को भी उजागर करता है। उनके जेटली से मुलाकात के दावे और राजनीति के शिकार होने का आरोप नई बहस को जन्म दे सकते हैं। सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं और RCB की जीत ने माल्या को फिर से सुर्खियों में ला दिया, लेकिन उनकी कानूनी लड़ाई और भारत लौटने की संभावना अभी भी अनिश्चित है।


यह कहानी एक ऐसे शख्स की है, जो कभी भारत का "किंग ऑफ गुड टाइम्स" था, लेकिन आज कानूनी और सामाजिक विवादों के घेरे में है। क्या माल्या भारत लौटेंगे? क्या उनकी छवि कभी सुधरेगी? यह समय ही बताएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपका धन्यवाद आपने हमारे ब्लॉग पर टिप्पणी की

विश्व की कुछ घटनाएं जो कि कुछ लोगों को पहले से ही पता चल जाती हैं जिनमे रूस में आया भूकंप भी

पूर्वानुमान, सपने और आध्यात्मिक दृष्टिकोण: एक सिमुलेटेड विश्व का रहस्य ...