सोमवार, 9 जून 2025

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम पुरस्कार से नवाजे गए महेंद्र सिंह धोनी महान खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम - ब्लॉग

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम - क्रिकेट के महान खिलाड़ियों का सम्मान

परिचय

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा क्रिकेट के इतिहास में असाधारण योगदान देने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार उन क्रिकेटरों को समर्पित है जिन्होंने खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अपनी अनुकरणीय उपलब्धियों से दुनिया भर में नाम कमाया। इस लेख में हम आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम के बारे में विस्तार से जानेंगे, यह पुरस्कार कैसे दिया जाता है, अब तक कितने भारतीय खिलाड़ियों को यह सम्मान मिला है, और 2025 में इस पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम क्या है?

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम की शुरुआत 2 जनवरी 2009 को हुई थी, जब पहली बार 55 खिलाड़ियों को इस सम्मान से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन पुरुष और महिला क्रिकेटरों को दिया जाता है जो 10 साल या उससे अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहे हों और अपने करियर में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया हो। चयन प्रक्रिया में एक विशेष पैनल शामिल होता है, जिसमें पूर्व क्रिकेटर, पत्रकार और इतिहासकार शामिल होते हैं। यह पैनल खिलाड़ियों के प्रदर्शन, प्रभाव और खेल के प्रति उनके योगदान को ध्यान में रखकर निर्णय लेता है। हर साल या दो साल में, नए सदस्यों को इस हॉल में शामिल किया जाता है, ताकि क्रिकेट की विरासत को संजोया जा सके।

पुरस्कार कैसे दिया जाता है?

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और कठोर होती है। निम्नलिखित चरणों के माध्यम से यह पुरस्कार दिया जाता है:

  • खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कम से कम 10 साल तक सक्रिय रहना आवश्यक है, और उनका रिटायरमेंट 5 साल पहले हो चुका होना चाहिए।
  • क्रिकेट विशेषज्ञों, प्रशासकों और प्रशंसकों द्वारा नामांकन प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • एक स्वतंत्र पैनल खिलाड़ियों के आंकड़ों, प्रभाव और खेल के विकास में योगदान का मूल्यांकन करता है।
  • अंतिम सूची को आईसीसी द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषित किया जाता है, और सम्मान समारोह में शामिल किए गए खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है।

अब तक कितने भारतीयों को यह पुरस्कार मिला?

भारत, जो क्रिकेट का गढ़ माना जाता है, ने कई महान खिलाड़ियों को इस विश्वस्तरीय सम्मान से नवाजा है। अब तक (जून 2025 तक) निम्नलिखित भारतीय क्रिकेटरों को आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किया गया है:

  • सचिन तेंदुलकर (2019):
    क्रिकेट के भगवान के नाम से मशहूर, जिन्होंने 24 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में राज किया।
  • कपिल देव (2010):
    1983 विश्व कप विजेता कप्तान और भारत के महान ऑलराउंडर।
  • सुनील गावस्कर (2012):
    टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी।
  • अनिल कुंबले (2015):
    भारत के महान स्पिन गेंदबाजों में से एक।
  • राहुल द्रविड़ (2018):
    दीवार के नाम से मशहूर, जो अपने शानदार डिफेंसिव खेल के लिए जाने जाते हैं।
  • महेंद्र सिंह धोनी (2024): 2007 टी20 विश्व कप और 2011 ODI विश्व कप विजेता कप्तान।

इस प्रकार, अब तक 6 भारतीय क्रिकेटरों को यह सम्मान प्राप्त हो चुका है, जो भारत के क्रिकेट इतिहास की समृद्धि को दर्शाता है।

2025 में आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम के प्राप्तकर्ता

2025 में, आईसीसी ने हाल ही में (जून 2025 तक) चार नए सदस्यों को हॉल ऑफ़ फेम में शामिल करने की घोषणा की है, जिनमें से एक भारतीय भी शामिल है। आधार चित्र के अनुसार, ये खिलाड़ी हैं:

  • ग्रेम स्मिथ (दक्षिण अफ्रीका): एक शानदार बल्लेबाज और प्रभावी कप्तान।
  • महेंद्र सिंह धोनी (भारत): पहले ही 2024 में शामिल, लेकिन चित्र में पुनः उल्लेखित, जो उनके प्रभाव को दर्शाता है।
  • हाशिम अमला
    (दक्षिण अफ्रीका): शांत और शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं
  • डेनियल वेटोरी (न्यूजीलैंड):
    एक कुशल ऑलराउंडर और उत्कृष्ट कप्तान।
  • मैथ्यू हेडन (ऑस्ट्रेलिया):
    विस्फोटक ओपनर और दो बार विश्व कप विजेता।
  • सारा टेलर (इंग्लैंड):
    महिला क्रिकेट में उनके योगदान के लिए शामिल।
  • सना मीर (पाकिस्तान):
    पहली पाकिस्तानी महिला क्रिकेटर जो इस सम्मान से नवाजी गईं।

इन खिलाड़ियों को उनके शानदार करियर और क्रिकेट पर पड़े प्रभाव के लिए सम्मानित किया गया है। विशेष रूप से, महेंद्र सिंह धोनी का नाम दोहराया जाना उनके नेतृत्व और उपलब्धियों की पुनरावृत्ति को दर्शाता है।

निष्कर्ष

आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम क्रिकेट के उन नायकों को सम्मान देने का एक शानदार तरीका है जिन्होंने खेल को वैश्विक मंच पर नई पहचान दी। भारत जैसे देश के लिए, यह पुरस्कार हमारे क्रिकेटरों की कड़ी मेहनत और प्रतिभा का प्रमाण है। 2025 में नए सदस्यों के शामिल होने से इस हॉल की शोभा और बढ़ गई है, और भविष्य में भी कई अन्य भारतीय क्रिकेटरों को यह सम्मान मिलने की उम्मीद है। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह न केवल गर्व का विषय है, बल्कि प्रेरणा का भी स्रोत है।

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