मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019

₹25000 तो दिए नहीं पर होमगार्डों की नौकरी छीन ली न माया मिली ना मिले राम

उत्तर प्रदेश के होमगार्ड को नवरात्रि के पहले मिली खुशी दीपावली के पहले गम में बदली साथियों वर्तमान समय मैं देश एवं प्रदेश  का राजनैतिक व्यवसायिक आर्थिक सामाजिक मौसम सच में बहुत ही खराब चल रहा है  लोगों  को पता ही नहीं चलता की किस पर बिजली गिरने वाली है वर्तमान में बिजली गिरी है उत्तर प्रदेश के 25000 होमगार्डों  एवं उनके परिवार के ऊपर जो कि एक ही झटके में सड़कों पर आ गए आपको बता दें की उत्तर प्रदेश में होमगार्ड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यह समाज के वह कड़ी हैं जोकि उच्च अधिकारियों से लेकर धनाढ्य लोगों के साथ आम जनता की डांटने फटकार  गुस्सा   तिरस्कार गालियां एवं   हिंसा  आदि का प्रशासन के सबसे निम्नतम पायदान पर खड़े होकर सहन करता है  ज्यादातर होमगार्ड छोटे परिवारों एवं जातियों से आने वाले वह लोग हैं जो कि  परिवारिक पृष्ठभूमि गरीबी एवं अन्य कारण से शिक्षा प्राप्त नहीं कर   सके लेकिन शारीरिक एवं मानसिक रूप से समाज एवं देश की सेवा के उद्देश्य से एवं बेरोजगारी  मैं अपने परिवार का भरण- पोषण करने के लिए सबसे कम मानदेय में होमगार्ड के पद पर नियुक्त हुए थे जहां से वह जैसे तैसे अपने परिवार का पेट भरने का भी इंतजाम करते थे पूर्व में इनकी  ड्यूटी महीने के कुछ दिनों के लिए ही लगाई जाती थी जिसका उन्हें नाम मात्र का मानदेय दिया जाता था एवं ड्यूटी लगाने के लिए भी उन्हें उच्च अधिकारियों की जी हजूरी करनी पड़ती थी अनेकों होमगार्ड परिवार ऐसे हैं कि जो कम मानदेय के कारण भुखमरी की कगार पर थे और वर्तमान में भी हैं लेकिन पिछले दिनों माननीय सुप्रीम कोर्ट के उत्तर प्रदेश सरकार को दिए हुए आदेश अनुसार उत्तर प्रदेश के होमगार्डों का मानदेय 25000 करने की घोषणा के बाद इनमें खुशी की लहर दौड़ गई थी  और इन्हें अपने परिवार एवं बच्चों का भविष्य उज्जवल दिखाई देने लगा था लेकिन उनकी खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई  और कुछ लोगों को इनकी बड़ी हुई सैलरी हजम नहीं हुई और आदेश निकाल दिया कि उत्तर प्रदेश के 25000 होमगार्डों को हटाया जाएगा इस आदेश  ने एक ही झटके में   उत्तर प्रदेश के होमगार्ड की खुशी को आसमान से जमीन पर पटक दिया उत्तर प्रदेश के लगभग 25000 होमगार्ड जिनके साथ जुड़े उनके लगभग परिवार के 100000 सदस्यों पर यह आदेश आते ही मानो इन पर आसमान टूट पड़ा हो हर जगह उनके परिवारों में कोहराम मच गया इस आदेश के बाद सबसे अधिक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों को समाज की मुख्यधारा से अलग होना पड़ेगा उत्तर प्रदेश के होमगार्ड उत्तर प्रदेश की यातायात व्यवस्था के साथ रेलवे के गेटों प्रमुख संस्थानों धार्मिक आयोजनों राजनीतिक रैली एवं सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा से संबंध बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभाते   रहे हैं ज्यादातर होमगार्ड स्थानीय होने के कारण इनका मुखबिर तंत्र इतना मजबूत होता था जिससे कई बड़ी घटनाओं को रोका जाता था उत्तर प्रदेश के 25000 होमगार्डों को निकालने का निर्णय किस संदर्भ में लिया गया यह तो होमगार्ड एवं उनके परिवार के साथ आम जनता की भी समझ से परे  है क्योंकि ज्यादातर होमगार्ड 25000 की खुशी के चक्कर में अपनी रोजी-रोटी से भी हाथ धो बैठे उत्तर प्रदेश के 25000 होमगार्ड अपने आप को ठगा महसूस  कर रहे हैं  अब तो वह अपने पुराने मानदेय पर ही नौकरी करने के लिए तैयार हैं अपने बच्चों को उच्च शिक्षा एवं  परवरिश ना सही कम से कम अपने परिवार का   रूखा सूखा करके पेट तो भर सकेंगे अब इतना तो तय है कि वर्तमान समय कर्मचारियों के लिए बड़ा ही विपरीत समय है पता नहीं सुबह उठते ही किसकी नौकरी पर खतरा मंडराना शुरू हो जाए माननीय सुप्रीम कोर्ट के साथ ही राज्य सरकार को 25000 होम गार्डों को परिवार को ध्यान में रखकर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की  जरूरत है🕊🙏🙏🙏🙏😢😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭✒📣

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