रविवार, 13 अक्टूबर 2019

तेजस को समय से चलाने के लिए सुरक्षा एवं संरक्षा से खिलवाड़

 क्या आपको पता है देश की प्रथम प्राइवेट ट्रेन तेजस को चलाने के लिए  हजारों यात्रियों को असुविधा हुई है  भारत की प्रथम  निजी  ट्रेन को संचालित करने का निर्णय लिया  जो ट्रेन संचालित की जा रही है वह देश में  रेल के आधुनिक भारत की शुरुआत  के नाम से प्रचारित की जा रही   है इसका किराया  हवाई जहाज किराए के  लगभग है एवं संचालन करने वाली कंपनी किसी भी समय इसका किराया अपने हिसाब से बढ़ा सकती है इसमें  रेलवे ड्राइवर एवं गार्ड को छोड़कर किसी भी  सरकारी रेल कर्मचारी का प्रत्यक्ष  रूप से कोई हस्तक्षेप नहीं  है  कंपनी द्वारा तेजस एक्सप्रेस के संचालन से पूर्व ही यात्रियों को लुभाने के लिए  घोषणा कर चुकी है कि ट्रेन के 1 घंटे लेट होने पर  पर यात्रियों को ₹100  एवं 2 घंटे लेट होने पर  ₹250 दिए जाएंगे इसी लोक लुभावने वादे को पूरा करने के लिए ट्रेन संचालन कंपनी द्वारा भारतीय रेल के तंत्र को ही दूषित करना चालू कर दिया तेजस को समय सीमा में चलाने के लिए जितनी भी   सुपर फास्ट एक्सप्रेस  मेल  पैसेंजर  माल गाड़ियां तेजस के आने एवं जाने के समय पूर्व या बाद में  चलाई जाती हैं उन्हें तेजस एक्सप्रेस के आने एवं जाने से  कई घंटों एवं मिनट पहले रोक दिया जाता है गेटमैन गैंगमैन पॉइंटमैन स्टेशन मास्टर से लेकर पूरे कंट्रोल को एक हाउवा बनाकर रख दिया है कि तेजस आने वाली है सभी गाड़ियों को साइड में करके उसे पहले  वरीयता देकर चलाया जाए जिससे भविष्य में  आम पब्लिक को निजी करण से चलने वाली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन का गुणगान किया जा सके  आपको बता दें की रेल इंजन में लोको पायलट सहायक लोको पायलट एवं रेल से संबंधित अधिकारी एवं तकनीकी कर्मचारी के अलावा किसी भी व्यक्ति को जाना अलाउड नहीं होता है लेकिन तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के टाइम टेबल को सही बनाए रखने के लिए प्राइवेट कर्मचारी रेल इंजन में उपस्थित होकर एक तरह से स्पीडो मीटर पर नजर रखकर कहीं ना कहीं लोको पायलट एवं असिस्टेंट लोको पायलट पर मंडली प्रेशर बनाते रहते हैं एवं स्पीड को लेकर ड्राइवर से लेकर स्टेशन मास्टर और कंट्रोल को दिशा-निर्देश देते रहते हैं जिससे रेलवे का मूल उद्देश्य एवं मंत्र संरक्षण एवं सुरक्षा को पलीता लगाया जा रहा है जिससे भविष्य में यह भारतीय रेल एवं यात्रियों  के लिए बड़ा घातक सिद्ध हो सकता है  क्योंकि प्राइवेट ट्रेन की शुरुआत आनन-फानन में की गई है उसके लिए अभी तक सुरक्षा संरक्षण से संबंधित एवं प्राइवेट कर्मचारियों के लिए किसी भी प्रकार के दिशानिर्देश तय नहीं किए गए हैं ना ही रेल नियमावली जी आर एस आर मैं किसी प्रकार का नवीन अध्याय नहीं जोड़ा गया जोकि रेल के नियमों को प्राइवेट ट्रेन संचालन के नियमों से संबंध करके कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों एवं अधिकार से अवगत करा सकें भारतीय रेल कर्मचारियों ने मांग की है कि  निजी करण से Tejas एक्सप्रेस लाभ कमाने के उद्देश्य संचालन की शुरुआत के साथ रेल कर्मचारियों की सुरक्षा एवं संरक्षा का विशेष ध्यान रखें क्योंकि देश के प्रत्येक सरकारी रेल कर्मचारी को शपथ दिलाई जाती है समय सीमा उतनी महत्वपूर्ण नहीं है जितनी सुरक्षा एवं संरक्षा अनेकों बार किसी भी प्रकार की  अनहोनी होने की आशंका एवं दुर्घटना होने का आभास होने पर रेल  लोको पायलट अपने स्वविवेक से निर्णय लेकर ट्रेन की स्पीड को कम करके अनहोनी को  टालते रहते हैं एवं उसके विषय में कंट्रोल को अवगत कराते रहते हैं लेकिन जब उन्हें ट्रेन संचालित करने के लिए इंजन में उपस्थित होकर समय सीमा का दबाव बनाया जाएगा तो वह कहीं ना कहीं सुरक्षा से खिलवाड़ करके अपने टारगेट को पूरा करेंगे जिससे भविष्य में रेल के साथ रेल यात्रियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए रेल प्रशासन रेल के संरक्षण एवं सुरक्षा के  जाल को  किसी भी प्राइवेट संचालित  कंपनी को  तोड़ने की अनुमति ना दे क्योंकि पैसा एवं समय बचाने से महत्वपूर्ण है लोगों की  संरक्षा एवं सुरक्षा  आप सभी  रेल कर्मचारी एवं यात्री  सुरक्षित रहें  संरक्षित रहे आपकी यात्रा मंगलमय हो  आपका अपना भारतीय रेल परिवार 🚄🔊✍✍✍✍✍🙏🙏🌷🌷

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